पाले से सुरक्षा, मौसम की मार से राहत
पोकरण कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.दशरथप्रसाद के अनुसार, इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि फसलें पाले और सर्दी से सुरक्षित रहती हैं। रात में जब तापमान गिरता है, तब लो-टनल की संरचना पौधों को गर्म बनाए रखती है, जिससे उनकी जैविक गतिविधियां प्रभावित नहीं होती और उनकी वृद्धि सामान्य रूप से जारी रहती है।
पोकरण में किसानों को मिल रहा प्रशिक्षण
पोकरण कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के लिए बंद गोभी, मिर्च, टमाटर, प्याज और बैंगन जैसी फसलों की प्रदर्शन इकाइयां स्थापित की गई हैं, ताकि वे लो-टनल तकनीक को प्रत्यक्ष रूप से देख और सीख सकें। इस तकनीक के माध्यम से खेती करने वाले किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकेगी।