वह निवासी तो जर्मन देश की है, लेकिन उसका दिल भारत में बसता है। मरुभूमि के पारंपरिक संगीत और कला से प्रेरित होकर जैसलमेर आईं जर्मनी की 35 वर्षीय महिला नाडिया रिचर्ड अब गली-गली में घायल और बीमार श्वानों की सेवा करती नजर आती हैं।
जैसलमेर•Dec 18, 2024 / 08:14 pm•
Deepak Vyas
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Hindi News / Jaisalmer / मानवता की मिसाल: विदेशी महिला बनी श्वानों का सहारा
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