पहियों तले कुचले गए नियम
सोनार दुर्ग के मुख्य प्रवेश द्वार अखे प्रोल से दशहरा चौक तक सुबह से ही दर्जनों तिपहिया वाहनों की आवाजाही ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी। स्थानीय प्रशासन की ओर से सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक तिपहिया वाहनों व भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक के आदेश है और बाकायदा बोर्ड भी लगा हुआ है.
न रोकने वाला, न कोई टोकने वाला
ऐतिहासिक सोनार दुर्ग का ऐतिहासिक दशहरा चौक शनिवार को अवैध पार्किंग में तब्दील हो गया। तिपहिया वाहनों की आवाजाही और पार्किंग के कारण यहां आने वाले पर्यटक, दर्शनार्थी और स्थानीय निवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। लक्ष्मीनाथ मंदिर और जैन मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु भी इस अव्यवस्था से परेशान नजर आए।
सुरक्षा व्यवस्था नदारद
होली के बाद दुर्ग की सर्पिलाकार गलियां चिकनी हो गई हैं, जिससे फिसलन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में तिपहिया वाहनों की आवाजाही से बड़ा हादसा होने की आशंका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
दुर्गवासियों की पीड़ा- कहीं बड़ा हादसा न हो जाए
सोनार दुर्ग के वार्ड 16 और 17 में करीब 3 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। दुर्गवासियों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही उनकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। दुर्गवासियों का आरोप है कि इस सम्बन्ध में कई बार जिम्मेदारों को अवगत कराने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।