परमाणु और ऊर्जा हब के रूप में पहचान
पोकरण को दो ऐतिहासिक परमाणु परीक्षणों (1974 और 1998) के कारण वैश्विक स्तर पर पहचान मिली। अब ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बन रहा है, जहां 40 हजार बीघा से अधिक भूमि पर सौर व पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित हैं। इससे न केवल बिजली उत्पादन हो रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। फैक्ट फाइल
- 550 वर्ष पुराना इतिहास
- 2 बार परमाणु परीक्षण
- 40 हजार बीघा में ऊर्जा संयंत्र
- 50 लाख यात्रियों की हर वर्ष रहती है आवक
पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा
पोकरण दो राष्ट्रीय राजमार्गों बीकानेर-जैसलमेर और जोधपुर-जैसलमेर के बीच स्थित होने के कारण पर्यटकों का ठहराव होता है। यहां के ऐतिहासिक स्थल, राजस्थानी संस्कृति और लाल पत्थरों पर की गई नक्काशी देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। रामदेवरा मेले में हर साल 40-50 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय धार्मिक पर्यटनप व्यवसाय को बढ़ावा मिलता है एवं व्यवसायियों और होटल उद्योग को लाभ मिल रहा है।
लोक संस्कृति व कला का हो प्रचार
आजादी से पूर्व ही पोकरण विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहा है। पर्यटकों की वर्षपर्यंत हो रही आवक से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां की लोक संस्कृति, कला एवं इतिहास के बारे में कार्यक्रमों व संचार के के माध्यमों से पर्यटकों को जानकारी मिले तो क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिल सकता है। - नारायण रंगा, संस्थापक झनकार कला मंडल, पोकरण