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जैसलमेर

महंगा हुआ आशियाना बनाना….छह माह बंद रहेंगे भट्टे, महंगी होंगी ईंटें

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशानुसार प्रदेश भर की भांति सीमावर्ती जैसलमेर जिले में भी 1 जुलाई से ईंट भट्टे बंद हो गए हैं।

जैसलमेरJul 01, 2025 / 07:51 pm

Deepak Vyas

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशानुसार प्रदेश भर की भांति सीमावर्ती जैसलमेर जिले में भी 1 जुलाई से ईंट भट्टे बंद हो गए हैं। यह आदेश आगामी छह माह तक प्रभावी रहेगा यानी ईंट भट्टे अब अगले साल फिर से चालू होंगे। तब तक जिले के करीब एक दर्जन ईंद भट्टों के बंद होने से ईंटों के भावों के आसमान छूने की पूरी संभावना है, क्योंकि यह आदेश लागू होने से पहले ही उनकी कीमतों में डेढ़ गुणा तक इजाफा हो चुका है। पूर्व में जहां 4000 रुपए में 1000 ईंटें मिल रही थी, अब उनकी कीमत 6000 रुपए हो चुकी है। ईंटों की कीमतों में अचानक हुई इस मूल्यवृद्धि से जहां निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों, मिस्त्रियों और आम उपभोक्ताओं की मुश्किलों में बढ़ोतरी की है, वहीं ईंट भट्टा मालिकों व उनमें काम करने वाले लोगों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। प्रदूषण मंडल के इस निर्णय का सबसे ज्यादा असर कमजोर व निम्र मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ेगा, जो सीमित बजट में घर बनाना चाहते हैं। भट्टों के बंद होने से आने वाले दिनों में मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से कीमतों के और बढऩे की संभावना है। ऐसे में कई प्रोजेक्ट्स की लागत में भी बढ़ोतरी होगी।

पर्यावरण के हित में बताया

जानकारी के अनुसार राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण मद्देनजर 1 जुलाई से 6 महीनों के ईंट भट्टों के संचालन पर रोक का आदेश दिया है। वैसे यह फैसला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी के दिशा-निर्देशानुसार लिया गया है। एनजीटी ने पिछले वर्ष की शुरुआत में बड़े पैमाने पर चलने वाले ईंट भट्टों को नियंत्रित करने आदेश दिया था।

जैसलमेर के हालात अलग

सूत्रों ने बताया कि राज्य के ऐसे जिलों में हनुमानगढ़, भरतपुर, जयपुर आदि जिले शामिल हैं। वहां सैकड़ों की तादाद में ईंट भट्टे हैं और उनमें सालाना करोड़ों ईंटें तैयार होती हैं। जहां तक जैसलमेर का सवाल है, करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस जिले में बमुश्किल एक दर्जन ईंट भट्टे हैं। उनकी भी उत्पादन क्षमता उक्त जिलों में संचालित भट्टों से काफी कम हैं। यही कारण है कि यहां के ईंट भट्टा संचालकों ने स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय में जाकर गुहार भी लगाई कि, उन्हें कम से कम नवम्बर से ईंट भट्टों का संचालन करने की अनुमति दी जाए।

और बढ़ेंगी कीमतें

भट्टों पर उत्पादन पर रोक का आदेश आज से लागू हुआ है, लेकिन ईंटों की कीमतें अभी से डेढ़ गुणा हो चुकी है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे ईंटें कम होंगी, भावों में और तेजी ही आएगी। यहां बहुत कम भट्टे हैं, जिससे प्रदूषण जैसी समस्या नहीं है लेकिन गेंहू के साथ घुन के पिसने वाली बात है।
  • हरिसिंह, ईंट भट्टा संचालक

पूरे प्रदेश के लिए नियम

एनजीटी के आदेशानुसार राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पूरे प्रदेश में 1 जुलाई से ईंट भट्टों के संचालन पर 31 दिसम्बर तक रोक लगाई है। हालांकि जैसलमेर में बहुत कम संख्या में ईंट भट्टे हैं, फिर भी एसओपी पूरे प्रदेश में एक समान ही लागू होती है। आने वाले दिनों में हमारी ओर से ईंट भट्टों का निरीक्षण किया जाएगा।
  • सत्यवीर चौधरी, कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता, राज्य प्रदूषण नियंत्रण, जैसलमेर

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