आमजन की आस्था से जुड़ा है कैलाश टैकरी मंदिर
साथलमेर के अतीत से जुड़ा कैलाश टैकरी स्थल आमजन की आस्था से भी जुड़ा हुआ है। पोकरण से करीब 3 किलोमीटर दूर तलहटी से करीब 100 मीटर ऊंची पहाड़ी पर भगवान शिव, देवी जगदंबा, रामभक्त हनुमान के मंदिर और एक संत का आश्रम स्थित है। हालांकि पूर्व में यहां जाने के लिए सुगम मार्ग नहीं था, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व तलहटी से मंदिर तक सीढिय़ां बनाई गई है।
नरासर कुंड तक नहीं है मार्ग
कस्बे से करीब 5 किलोमीटर दूरी पर पहाड़ी के बीच नरासर कुंड स्थित है। यहां जाने के लिए सुगम मार्ग भी नहीं है। करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक पहाड़ी पर चढ़ाई के साथ पैदल भी चलना पड़ता है। यहां पहाड़ी के बीच एक कुंड स्थित है। बारिश के दौरान पहाड़ी से पानी झरने के रूप में यहां बहता है। जिसे देखने के लिए कस्बे सहित आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में युवा पहुंचते है और नहाने का लुत्फ उठाते है। ये हो विकास कार्य तो बन सकता है पर्यटन स्थल
- कैलाश टैकरी से तलहटी तक आने-जाने के लिए सीसी सडक़ का निर्माण हो जाए तो आवागमन में सुविधा मिल सकती है।
- कैलाश टैकरी मंदिरों के चारों तरफ दीवार बनाकर यहां झूले, उद्यान विकसित किए जा सकते है।
- रात में रोशनी के लिए यहां बड़ी हाइमास्ट लाइट की आवश्यकता है।
- यहां एक हेण्डपंप खुदा हुआ है। यदि नलकूप खुदवाया जाता है तो पेयजल की समस्या का समाधान हो सकता है।
- नरासर कुंड तक भी आवागमन के लिए सुगम मार्ग की व्यवस्था हो।
- साथ ही छाया के लिए टिनशेड, रोशनी के लिए लाइट व अन्य सुविधाएं विकसित होती है तो यह कुंड बारिश के दिनों में पर्यटन स्थल बन सकता है।
- कुंड के आसपास क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को बंद किया जाना चाहिए।
- अवैध खनन के दौरान हो रहे धमाकों से कुंड का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।