लक्ष्यों की कमजोर उपलब्धि पर जताया असंतोष, वार्षिक ऋण योजना की समीक्षा
जैसलमेर जिले की त्रैमासिक डीएलसीसी-डीएलआरसी बैठक मार्च 2025 के लिए आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर प्रताप सिंह ने की।


जैसलमेर जिले की त्रैमासिक डीएलसीसी-डीएलआरसी बैठक मार्च 2025 के लिए आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर प्रताप सिंह ने की। बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन, सेवा गुणवत्ता, और वार्षिक ऋण योजना 2024-25 की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया समेत विभिन्न प्रायोजित योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई। स्वयं सहायता समूहों को दिए गए ऋण, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास से जुड़े विषयों की भी समीक्षा की गई।.आरबीआई के अग्रणी जिला विकास अधिकारी विंध्याचल सिंह ने बैंकों को निर्देश दिए कि ऋण स्वीकृति को 14 दिन की समयसीमा में सुनिश्चित करें, 10 लाख तक के ऋणों को क्रेडिट गारंटी फंड योजना के तहत कवर करें, और व्यापारिक संस्थानों को जेम पोर्टल के अधिकतम उपयोग के लिए प्रेरित करें। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए प्रत्येक बैंक को कम से कम एक वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए। किसानों को बिना जमानत किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने, बैंकिंग प्रतिनिधियों की निगरानी बढ़ाने और ट्रांसजेंडर समुदाय को वित्तीय योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता भी बताई गई। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक प्रदीप कुमार ने वर्ष 2026-27 के लिए तैयार की जा रही संभाव्यता युक्त ऋण योजना, पीएलपी की जानकारी साझा की और सदन से सुझाव आमंत्रित किए। साथ ही पीएम-वाइएमई योजना की भी समीक्षा की गई। लीड बैंक अधिकारी कमलसिंह खींची ने 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों की जानकारी दी। उन्होंने 2024-25 में लक्ष्यों की कमजोर उपलब्धि पर असंतोष व्यक्त करते हुए सभी बैंकों से प्रतिबद्धता और तत्परता के साथ लक्ष्य पूर्ति की अपील की।बैठक में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि और सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। अंत में समन्वयक अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
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