सांसद ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले जिला दिशा समिति की बैठक में अपनी अनुपस्थिति की पूर्व जानकारी लिखित रूप में देने के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने गुमराह करने वाला बयान दिया था, जिसे प्रमाण सहित खंडन किया गया था। इन घटनाओं को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जिले में पारदर्शिता और स्वतंत्र कार्य संस्कृति लगातार कमजोर हो रही है।सांसद ने आरोप लगाया कि कलेक्टर न तो जनसुनवाई के प्रति गंभीर हैं और न ही आमजन की समस्याओं को समझने के प्रति संवेदनशील। उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मांग की है कि पोकरण एसडीएम की ओर से लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच करवाई जाए।