पोकरण के पर्यटन को भी मिला सबल –
रामदेवरा से पोकरण महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रामदेवरा बाबा रामदेव का समाधि स्थल है। यहां वर्ष पर्यंत 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शीश नवाने आते हैं। इनमें देश ही नहीं विदेशों से आने वाले लोग भी शामिल रहते हैं। पोकरण व उसके आसपास दर्शनीय दुर्ग, कलात्मक हवेलियां और लोहारकी गांव में बालुई रेत के स्वच्छ धोरे आए हुए हैं। पोकरण व रामदेवरा में उच्च स्तरीय होटलों, धर्मशालाओं व रेस्तराओं बने है। जिसके चलते उपखंड मुख्यालय पोकरण भी रामदेवरा के साथ सैलानियों से साल भर गुलजार रहता है। पोकरण के दर्शनीय स्थल देखने के लिए रामदेवरा आए यात्री थ्री व्हीलर और निजी वाहनों को किराए पर लेकर परिवार सहित घूमने जाते हैं। वही गुजरात सहित अन्य राज्यो से यात्रियों की आने वाली बसों के यात्री भी रामदेवरा में बाबा रामदेव समाधि दर्शन के बाद पोकरण और जैसलमेर अवश्य जाते है। पोकरण ही रामदेवरा आने वाले यात्रियों का प्रमुख प्रवेश द्वार है। बाबा रामदेव के वार्षिक मेले के दौरान तो पोकरण में भी यात्रियों की भारी भीड़ लगी रहती है।
जैसलमेर के पर्यटन मे भी रामदेवरा के यात्रियों रहती भागीदारी
पर्यटकों की आंख का तारा बने जैसलमेर में रामदेवरा समाधि दर्शन को आने वाले सैलानियों को आकर्षित करने के कई स्थल है। रामदेवरा में समाधि दर्शन को आए यात्री जैसलमेर घूमने जरूर जाते है। पूरे साल में भादवा मेले के दौरान आने वाले बड़ी संख्या में यात्री तो जैसलमेर जाते ही है। इसके साथ आश्विन के नवरात्रा, दीपावली के अवकाश, नए साल का उत्सव, माघ मेला, चैत्र मेला सहित पूरे साल लाखो की संख्या में रामदेवरा आने वाले यात्री जैसलमेर के पर्यटन स्थलों को देखे बिना नहीं लौटते। पोकरण के पर्यटन स्थल –
- पोकरण का ऐतिहासिक लाल पत्थर का बालागढ़ फोर्ट
- करीब एक दर्जन ऐतिहासिक तालाब।
- क्षेत्र के लोहारकी गांव रेत के मखमली विशाल धोरे
- आशापूर्णा मंदिर
- खींवज माता का मंदिर
- कैलाश टेकरी
- ऐतिहासिक कलात्मक हवेलियां
जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल
- जैसलमेर किला, गड़ीसर झील, पटवों की हवेली
- सम सैंड ड्यून्स
- व्यास छतरी, जैन मंदिर, हवेलियां, कुलधरा गांव
- तनोट माता मंदिर
फैक्ट फाइल - 50 से 60 लाख यात्री आते है पूरे साल रामदेवरा,
- 400 के करीब धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस है रामदेवरा में
- 12 किमी दूर है पोकरण उपखंड मुख्यालय
- 120 किमी दूर है जैसलमेर जिला मुख्यालय
इनका कहना –
रामदेवरा में साल भर देश-विदेश से लोग बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन को आते हैं। ऐसे में रामदेवरा आए यात्रियों से पोकरण और जैसलमेर तक के पर्यटन को बढ़ावा मिला हैं। पोकरण क्षेत्र में लोहारकी गांव में भी सम की तरह धोरे है, जहां रामदेवरा आने वाले यात्री घूमने जाते है।
- रिडमल कुमावत, होटल व्यवसायी, रामदेवरा