शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की ज़रूरत
शहर के छात्र-छात्राएं मानते हैं कि जैसलमेर में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा की सुविधाएं सीमित हैं। छात्रा सीमा परिहार कहती हैं, कि हमारे पास पढऩे की ललक है, लेकिन विकल्प नहीं। कंप्यूटर और स्टार्टअप से जुड़ी पढ़ाई जैसलमेर में भी होनी चाहिए। इसी तरह स्नातक छात्रा प्रिया व्यास कहती हैं कि अगर हमें यहां बेहतर शिक्षा और कोचिंग सुविधाएं मिलें तो हमें बाहर जाने की मजबूरी नहीं रहेगी।
सौर ऊर्जा और स्टार्टअप को मिल सकती है उड़ान
थार का यह इलाका सूर्य की रोशनी से भरपूर है। इजीनियरिंग छात्र मोहित सिंह का कहना है कि जैसलमेर में सौर ऊर्जा का इतना बड़ा क्षेत्र है, लेकिन स्थानीय युवाओं को इसमें प्रशिक्षण और रोजगार नहीं मिल पा रहा। स्टार्टअप्स के लिए स्थानीय इनक्यूबेशन सेंटर की ज़रूरत है।
संस्कृति को डिजिटल रूप से जोडऩे का जज़्बा
जैसलमेर की परंपराएं, लोकगीत, हस्तशिल्प और खान-पान विश्व भर में अपनी पहचान बना सकते हैं। स्नातक छात्रा रवीना आचार्य कहती हैं कि हम चाहते हैं कि लोक कलाकारों और हस्तशिल्पियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म मिले ताकि जैसलमेर की कला विदेशों तक पहुंचे।
स्थानीय मंच और मार्गदर्शन की दरकार
युवाओं को लगता है कि यदि प्रशासन, समाज और विशेषज्ञ मिलकर स्थानीय टैलेंट को पहचानें और सही मार्गदर्शन दें, तो जैसलमेर देश का अगला नवाचार केंद्र बन सकता है। प्रतियोगिता परीक्षा के परीक्षार्थी राहुल परिहार कहते हैं कि हमें जैसलमेर में ही मार्गदर्शन और मंच मिल जाए, तो हम कहीं से भी पीछे नहीं हैं। बस मौका चाहिए।