केस 2 – जैसलमेर निवासी भारतभूषण की बाइक कुछ वर्ष पहले चोरी हुई। कोतवाली से बमुश्किल 200 मीटर दूर सरकारी क्वार्टर के बाहर से चोरी उनकी बाइक को चुरा कर ले जाने वाला सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ। पुलिस इसके बावजूद बाइक बरामद नहीं कर सकी।
जोधपुर में सक्रिय बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश कर चोरी की गाडिय़ां बरामद की गई हैं, लेकिन जैसलमेर में बाइक चोर गिरोह समय-समय पर अपनी करतूतों को अंजाम देता रहा है। बीते वर्षों में जैसलमेर शहर और ग्रामीण इलाकों से 500 से अधिक दुपहिया वाहन चोरी हो चुके हैं, जिनमें से गिनी-चुनी ही बरामद हो पाई हैं। जिला अस्पताल, बैंकिंग संस्थानों, बाजारों और घरों के बाहर खड़ी बाइकें आए दिन चोरी हो रही हैं, जिससे आमजन में भय बना हुआ है।
सीसीटीवी में दर्ज हुई वारदातें, फिर भी नतीजा सिफर
कई बाइक चोर सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आए, लेकिन पुलिस अब तक गिरोह तक नहीं पहुंच सकी। पुलिस सूत्रों के अनुसार चोर पेशेवर तरीके से वारदात को अंजाम देते हैं और नंबर प्लेट बदलकर वाहनों को दूरस्थ क्षेत्रों में खपा देते हैं। हकीकत यह है कि पुलिस के पास पर्याप्त तकनीकी साधन होने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिससे चोर बेखौफ होकर वारदातें कर रहे हैं।
चुनिंदा ब्रांड की बाइकों को बनाते हैं निशाना
बाइक चोरों का गिरोह कुछ खास ब्रांड की मोटरसाइकिलों पर ही ज्यादा हाथ साफ करता है। विगत घटनाओं से यह साफ हो रहा है कि चुनिंदा कंपनियों की बाइक चोरों की पहली पसंद होती हैं, क्योंकि इनका बाजार मूल्य अधिक होता है और खरीदार आसानी से मिल जाते हैं। चोरी के बाद ये बाइकें नहरी क्षेत्र और दूरस्थ गांवों में आधे से भी कम दामों पर बेच दी जाती हैं।
बचाव के लिए खुद कर रहे हैं उपाय
बढ़ती चोरी की घटनाओं को देखते हुए वाहन मालिक सतर्क हो गए हैं। अब कई लोग टायर में मोटी जंजीरें डालकर या डबल लॉक सिस्टम अपनाकर अपनी बाइक सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस के लिए चुनौती
जैसलमेर में बढ़ती बाइक चोरी की घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। जानकारों का मानना है कि यदि पुलिस संदिग्ध खरीददारों और नहरी क्षेत्र में बिकने वाली बाइकों पर नजर रखे, तो चोरी पर रोक लग सकती है।