दूसरे दिन विवाद ने जोर पकड़ा
बासनपीर गांव में तालाब किनारे छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर एक दिन पहले बुधवार को भी स्थानीय बाशिंदों ने विरोध जताया था। उसके बाद गुरुवार को प्रशासन व पुलिस का भारी बंदोबस्त वहां किया गया। इसके बावजूद पथराव की बड़ी घटना सामने आई। जिस पर काबू पाने में उपस्थित पुलिसकर्मियों व प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गौरतलब है कि बासनपीर में जैसलमेर व बीकानेर रियासतों के बीच वर्ष 1828 में लड़े गए युद्ध के नायकों रामचंद्र सोढ़ा और हदूद पालीवाल की छतरियां पूर्व में 2019 में क्षतिग्रस्त की गई थी। उनके पुनर्निर्माण की अनुमति प्रशासन की तरफ से जारी की गई थी। जिसके आधार पर वहां काम करवाया जा रहा है। गांव में एक पक्ष के कुछ लोग इस निर्माण का लगातार विरोध कर रहे थे। पत्थरबाजी की घटना में कई गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचा है। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया।द्रुत गति से जारी निर्माण कार्य
गुरुवार को हुए पथराव के बाद बड़ी संख्या में लोग छतरी स्थल पर पहुंचे। उन्होंने निर्माण कार्य जारी रखने पर जोर दिया और वहां पुन: जोर-शोर से काम शुरू किया गया। शाम के समय भी सैकड़ों लोगों व पुलिस की मौजूदगी में छतरियों के निर्माण का कार्य जारी था।षड्यंत्रकारियों की पहचान हुई : एसपी
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि महिलाओं और बच्चों को आगे कर पथराव करवाने वाले षड्यंत्रकारियों की पुलिस ने पहचान कर ली है। उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया और स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक दर्जन महिलाएं शामिल हैं। पुलिस इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।बासनपीर मामले में किसने क्या कहा –
संवाद से निकालें समाधानजैसलमेर जिले के बासनपीर में ज़मीन विवाद को लेकर दो गुटों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जैसे ही यह मामला मेरे संज्ञान में आया, मैंने तत्काल पुलिस अधीक्षक व अन्य संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर बात कर सभी पक्षों को समझाइश देकर मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने के निर्देश दिए। मैं प्रशासन से स्पष्ट अपील करता हूँ कि मामले में निष्पक्षता बरती जाए और दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर संवाद के माध्यम से समाधान निकाला जाए।
- उम्मेदाराम बेनीवाल, सांसद, बाड़मेर-जैसलमेर
जैसलमेर के गौरव का अपमान बर्दाश्त नहीं
जिले के बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीर योद्धाओं रामचंद्र सोढ़ा एवं हदूद पालीवाल की स्मृति में निर्मित ऐतिहासिक छतरियां हमारे गौरवशाली इतिहास, बलिदान और सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक रही हैं। दुर्भाग्यवश, वर्ष 2019 में कुछ तत्वों की ओर से इनको नुकसान पहुंचाया गया था। अब पत्थरबाजी कर न केवल कार्य को रोकने का प्रयास किया गया, बल्कि आम नागरिकों पर हमला कर कई लोगों को घायल किया गया। - छोटूसिंह भाटी, विधायक जैसलमेर
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
आज जैसलमेर के बासनपीर गांव में जो घटना घटित हुई है, जिसमें प्राचीन स्थल व भाईचारे को खत्म करने के लिए हरकत की गई है। उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। शुक्रवार सुबह मैं बासनपीर पहुँच रहा हूं। जैसलमेर जिला प्रशासन से अनुरोध है कि सभी दोषियों के खिलाफसख्त से सख़्त कार्यवाही हो, ताकि सामाजिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनी रहे। ये छतरियां हमारे गौरव की प्रतीक हैं और सभी समुदायों के लिए प्रेरणास्पद हैं। - रविन्द्रसिंह भाटी, शिव विधायक
भाईचारा बिगाडऩे की कोशिश
जैसलमेर जिला हमेशा अमन पसंद रहा है। कुछ लोग जिले का भाईचारा बिगाडऩे की कोशिश कर रहे हैं। उनके गलत मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। हमारे पूर्वजों ने आपसी भाईचारा, सौहार्द का पाठ पढ़ाया है। जैसाण के लोगों का फर्ज बनता है कि जैसलमेर की मिठास, भाईचारा एवं सौहार्द को युगों-युगों तक बनाए रखें। मेरी आमजन से अपील है कि शांति, अमन, सौहार्द एवं भाईचारा बनाए रखें, अफवाएं न फैलाएं। - शाले मोहम्मद, पूर्व केबिनेट मंत्री