जैसलमेर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में काम करने वाले आरोपी शकूर खान पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को रणनीतिक जानकारी लीक करने का आरोप है। अधिकारियों के अनुसार, वह संदिग्ध गतिविधियों के कारण लंबे समय से निगरानी में था। विशेष लोक अभियोजक सुदेश कुमार सतवान ने बताया, “शकूर खान को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। जांच के बाद हम उसे फिर कोर्ट में पेश करेंगे। कुछ पाकिस्तानी फोन नंबरों की जांच की जा रही है।”
दो पाकिस्तानियों के संपर्क में था शकूर खान
पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने पुष्टि की कि शकूर खान पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी, क्योंकि उसकी गतिविधियां लंबे समय से संदिग्ध थीं। उन्होंने बताया, “निगरानी के दौरान पता चला कि शकूर खान पाकिस्तान दूतावास में काम करने वाले कुछ लोगों, खासकर ‘अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश और सोहेल कमर’ के लगातार संपर्क में था।
पाकिस्तान में ISI एजेंटों से की थी मुलाकात
दानिश को भारत सरकार पहले ही ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर वापस पाकिस्तान भेज चुकी है। जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र में पूछताछ के दौरान शकूर खान ने कबूल किया कि वह दानिश की मदद से वीजा हासिल कर कई बार पाकिस्तान गया था। पाकिस्तान में रहते हुए, उसने कथित तौर पर ISI एजेंटों से मुलाकात की।
व्हाट्सएप के जरिए पाकिसतान भेजता था मैसेज
अधिकारियों ने खुलासा किया कि भारत लौटने पर, उसने रणनीतिक जानकारी एकत्र की और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करके इसे पाकिस्तानी संचालकों को भेजा। जैसलमेर में एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में, खान के पास संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंच थी, जिससे आंतरिक सुरक्षा पर बड़ी चिंताएं पैदा हुईं। उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है।