सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा जायजा
सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ और स्थानीय पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि पर नजऱ रख रही हैं और सुरक्षा इंतजामों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। जैसलमेर पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में कवायद की है, ताकि सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
रामदेवरा सहित प्रमुख स्थलों पर पुलिस तैनात
सीमावर्ती जिलों में केवल सीमा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि प्रमुख धार्मिक स्थल भी सुरक्षा बलों की चौकसी से बाहर नहीं हैं। जैसलमेर के रामदेवरा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिस ने बुलेटप्रूफ जैकेट और हथियारों के साथ गश्त शुरू कर दी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके। यहां की सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है, ताकि स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों को कोई खतरा न हो।
बाड़मेर में सुरक्षा बढ़ी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बाड़मेर जिले में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। बाड़मेर के एसपी नरेंद्र मीणा के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बैठक हुई थी, जिसमें महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए थे, जिन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सीमा पर पूरी तरह मुस्तैद हैं। बाड़मेर शहर में संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस नियमित रूप से होटलों, सराय और सेवा सदनों की जांच कर रही है और सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है।
सोशल मीडिया पर निगरानी, शांति बनाए रखने की अपील
राजस्थान में सुरक्षा व्यवस्था बढऩे के साथ ही सोशल मीडिया पर निगरानी भी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की भ्रामक या भडक़ाऊ जानकारी साझा करने से बचें। सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर ऐसे पोस्टों की सख्त निगरानी की जा रही है, जो सार्वजनिक शांति को भंग करने की कोशिश कर सकते हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि हिंसा या उकसावे वाली सामग्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा बलों का समन्वय और तकनीकी उपायों का समावेश
राजस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए तकनीकी उपायों का समावेश भी किया गया है। सीमावर्ती इलाकों में स्मार्ट फेंसिंग और एंटी-ड्रोन तकनीक को सक्रिय कर दिया गया है। सीसुब सूत्रों के अनुसार इन उपायों से न केवल सीमा पर घुसपैठ को रोका जा सकता है, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों की पूर्व सूचना भी मिल सकती है। पुलिस और बीएसएफ के अधिकारियों के बीच लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि सूचना का आदान-प्रदान और समन्वय बढ़ाया जा सके।
स्थानीय समुदाय से सहयोग की अपील
स्थानीय नागरिकों से सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस से साझा किया जाना चाहिए, ताकि शांति और सुरक्षा बनी रहे।