Solar plant: राजस्थान के इस जिले में रोज बनेगी 10 से 12 लाख यूनिट बिजली, 700 एकड़ में बन रहा है प्लांट
Solar plant in Jalore: बारिश की सीजन के कुछ दिन छोड़ दें तो पश्चिमी राजस्थान में सूर्य से पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। यही कारण यह है कि सोलर एनर्जी प्लांट पश्चिमी राजस्थान में फायदे का सौदा है।
राजस्थान के जालोर में सूर्य केवल तपन ही नहीं देगा, बल्कि इसकी किरणें जल्द ही ऊर्जा के क्षेत्र में जालोर को आत्मनिर्भर भी बनाने वाली है। इस कड़ी में बड़ी शुरुआत जालोर में मेडा निचला में हो चुकी है। यहां 200 मेगावाट का सोलर एनर्जी पार्क बन रहा है। यहां से बिजली जालोर के निकट लेटा के 220 केवी जीएसएस तक पहुंचेगी और उसके बाद इसका डिस्ट्रीब्यूशन जरूरत के अनुसार होगा।
जालोर जिले की बात करें तो सौर ऊर्जा का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के तहत प्लांट पर फाउंडेशन वर्क की शुरुआत हो चुकी है। वहीं सोलर पैनल लगाने का काम भी शुरु किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट के वर्ष 2025 में पूरे होने के बाद इससे बिजली का उत्पादन शुरु हो जाएगा।
10 लाख यूनिट से अधिक होगा उत्पादन
इस प्लांट से औसत 10 से 12 लाख यूनिट का उत्पादन प्रतिदिन होने की संभावना है। यह प्लांट अप्रेल अंत या मई मध्य तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद यहां से लेटा जीएसएस तक सप्लाई कर दी जाएगी। सोलर प्लांट से लेटा जीएसएस तक बिजली सप्लाई के लिए हाईटेंशन टॉवर स्थापित करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। लेटा के आस पास कुछ टॉवर लगाए जा चुके हैं।
इसलिए पश्चिमी राजस्थान में रुचि
बारिश की सीजन के कुछ दिन छोड़ दें तो पश्चिमी राजस्थान में सूर्य से पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। यही कारण यह है कि सोलर एनर्जी प्लांट पश्चिमी राजस्थान में फायदे का सौदा है। सालभर बिजली के पर्याप्त प्रोडक्शन को देखते हुए बड़ी एजेंसियों का जालोर की तरफ भी रुख हो रहा है।
700 एकड़ में बन रहा जिले का सबसे बड़ा प्लांट
यह प्लांट 700 एकड़ में स्थापित हो रहा है। विभिन्न स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। 4 लाख से अधिक सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह काम भी शुरु हो चुका है।
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जालोर की जरूरत कितनी है प्रतिदिन
जालोर और सांचौर की बात करें तो 24 घंटे में जिले में 1 करोड़ 20 लाख यूनिट बिजली की जरुरत रहती है। विभिन्न सोर्स और एरियाज से जालोर तक बिजली की आपूर्ति होती है। वर्ष 2025 के मध्य ही इस डिमांड में स्थानीय स्तर से ही डिमांड की पूर्ति की शुरुआत हो जाएगी।
सोलर एनर्जी में प्रचुर संभावना है। निश्चित तौर पर जालोर जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था के लिए ये एक स्थायी समाधान भी होगा। प्रदेश में सीजन में बिजली संकट की स्थिति में भी जालोर में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।