प्राचार्य की इस हरकत से
छात्र व उनके अभिभाव काफी परेशान नजर आ रहे हैं। पत्रिका ने इसकी हकीकत जानने की कोशिश की और सिवनी हायर सेकंडरी स्कूल पहुंची। प्राचार्य के टेबल के ऊपर छात्रों का प्रवेश पत्र ही बयां कर दिया कि आखिरकार प्राचार्य ने सभी छात्रों का प्रवेश पत्र जमा करा लिया है। और यह प्रवेश पत्र तब दिया जाएगा जब 300-300 रुपए जमा करने होंगे।
एक लाख का खेल
सिवनी परीक्षा केंद्र में चार स्कूलों का
परीक्षा सेंटर बनाया गया है। यहां 346 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। यदि एक छात्र से 300 रुपए लिया जा रहा है तो 346 छात्रों की रकम जोड़ा जाए तो 1 लाख से ऊपर हो रही है। 300 रुपए एक गरीब वर्ग के छात्रों के अभिभावकों की एक दिन की रोजी होती है। वहीं प्राचार्यों को 70 हजार से 80 हजार रुपए वेतन मिल रहा वह कम नजर आ रहा है।
ऐसे हुई मामले की पुष्टि
पत्रिका की टीम प्राचार्य के कक्ष में मौजूद थी। मौके पर बोड़सरा निवासी ओमप्रकाश साहू पहुंचा और अपने बच्चे का प्रवेश पत्र मांगने लगा। तब प्राचार्य ने उसे 21 मार्च को प्रवेश पत्र देने की बात कही। तब अभिभावक ने प्राचार्य से पूछा कि क्या प्रवेश पत्र के लिए 300 रुपए जमा कराने होंगे। तब प्राचार्य की चुप्पी साध ली। वहीं पत्रिका ने स्कूल के बाहर खड़े तकरीबन 5 छात्रों से पूछा तब सभी छात्रों ने खुलकर बोला कि 300 रुपए लेने के लिए प्रवेश पत्र को जमा करा लिया गया है। नकल के लिए मैनेज करना है अफसराें को
एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बेबाकी से कहा कि हमें शिक्षकों की टीम द्वारा 10-20 नंबर का नकल कराया जाता है। ताकि परीक्षा का परिणाम संतोषप्रद हो। किसी शिक्षक का इंक्रीमेंट न रुके। इसके चलते यहां सामूहिक रूप से परक्षार्थियों को उपकृत किया गया। इसके एवज में प्रत्येक छात्रों से 300-300 रुपए देने दबाव बनाया जा रहा है।
डीईओ ने कहा 50 रुपए लेने का प्रावधान है
इधर, छात्रों व अभिभावकों ने मामले की शिकायत कलेक्टर से भी कर चुके हैं। सोमवार को इस बात की शिकायत मिलने पर डीईओ अश्वनी कुमार भारद्वाज से सवाल-जवाब किया गया। डीईओ का कहना है कि यदि किसी छात्र का प्रवेश पत्र गुम जाता है तो उससे नए प्रवेश पत्र जारी करने के लिए 50 रुपए लेने का प्रावधान है। डीईओ ने कहा कि यदि यहां का प्राचार्य 300 रुपए प्रति छात्र ले रहा है तो गलत है। इसकी जांच कराएंगे। कई छात्र प्रवेश पत्र फाड़ डालते हैं, कई छात्र प्रवेश पत्र को गुमा डालते हैं। इसलिए सभी छात्रों का प्रवेश पत्र जमा करा लिया गया है। उन्हें 21 मार्च को संस्कृत के आखिरी पेपर के दिन प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। छात्रों द्वारा 300-300 रुपए लेने का आरोप बेबुनियाद है। छात्र कुछ भी बोल देंगें वह सत्य साबित थोड़ी होगा। – जयंती राठौर, प्राचार्य, शाहासे स्कूल सिवनी नैला