खासकर
जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण क्षेत्र के तनौद, कमरीद सहित दर्जनों रेत घाट आबाद है। तो वहीं सक्ती जिले के करही, किकिरदा साइड बड़ी तादात पर रेत का काला कारोबार हो रहा है। जिस पर सरकार की नजर नहीं पड़ रही है।
करोड़ों का कारोबार कर रहे
आपको बता दें कि,
महानदी में इन दिनों पानी की धार कम हो चुकी है। इसके चलते जगह-जगह रेत का टापू सा बन गया है। यह टापू रेत माफियाओं के लिए किसी वरदान से कम नजर नहीं आ रहा है। यहां तक इन्हीं टापुओं से रेत माफिया हाइवा व ट्रैक्टर से सैकड़ों ट्रिप रेत निकाल रहे हैं और करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। जिसे देखकर भी सरकार आंखें मूंद ली है।
सरकार यदि इसमें रायल्टी जारी करती तो हर रोज लाखों का लाभ मिलता, लेकिन सरकार ने रेत माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पा रही है। खासकर महानदी में सबसे ज्यादा रेत का उत्खनन हो रहा है।
हर रोज 10 लाख का टर्न ओवर
स्थानीय लोगों ने बताया कि महानदी की धार कम होते ही रेत माफिया अपना काला कारोबार शुरू कर दिए हैं। एक दिन में 10-10 लाख रुपए की रेत निकाली जा रही है। एक ट्रैक्टर के पीछे डेढ़ से दो हजार रुपए व प्रत्येक हाइवा के पीछे 4 से 5 हजार रुपए ली जा रही है। एक दिन में सैकड़ों ट्रिप ट्रैक्टर व हाइवा निकाल कर माफिया 10 से 15 लाख रुपए का हर रोज कारोबार कर रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की प्रमुख वजह खनिज अफसरों से मिलीभगत होने का आरोप लगा है। यही वजह है कि खनिज अफसर इस ओर नजरें इनायत नहीं कर रहे हैं। भीड़ इतनी कि ट्रैक्टरों की लाइन लगानी पड़ रही
महानदी की चौड़ाई एक किलोमीटर की मानी जा रही है। जिसमें केवल 25 फीसदी हिस्से में ही पानी का बहाव है, शेष इलाका रेत का टापू बन गया है। इसके चलते यहां रेत माफियाओं की चांदी हो चुकी है। वे स्थानीय पंचायत से साठगांठ कर सैकड़ों ट्रिप रेत निकाल रहे हैं। नदी में ट्रैक्टरों की भीड़ इतनी है कि उन्हें लाइन में लगकर रेत का परिवहन करना पड़ रहा है।
भादा दहिदा क्षेत्र में भी ज्यादा कारोबार
जिले के हसदेव नदी के भादा, दहिदा इलाके में भी रेत का काला कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। क्षेत्र के सरपंचों की इसमें संलिप्तता है। बताया जा रहा है कि इसके लिए वे मंत्रियाें तक अपनी पकड़ बनाकर खनिज अफसरों पर भारी पकड़ रहे हैं। क्षेत्र में रात को चेन माउंटेन मशीन से रेत की खुदाई की जाती है। दिन में इसी चेन माउंटेन मशीन को निकालकर झाड़ियों में छिपा दी जाती है। जहां जहां शिकायत मिलती है वहां टीम को भेजकर कार्रवाई की जाती है। काला कारोबार को रोकने रात को भी छापेमारी की जा रही है। अवैध कारोबार के दर्जनों प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। – अनिल सोनी, जिला खनिज अधिकारी