युक्तियुक्तकरण के बाद भी स्कूल की स्थिति सुधरी नहीं है। महत्वपूर्ण विषय की पढ़ाई नहीं होने से छात्र परेशान है। प्रदर्शन की जानकारी होते ही तत्काल नवागढ़ बीईओ पहुंचे और आश्वासन दिया गया। तब जाकर छात्र व अभिभावकों का प्रदर्शन बंद हुआ। शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर नवागढ़ ब्लॉक के सिउड़ गांव में ग्रामीणों का आक्रोश खुलकर सामने आया। दो महत्वपूर्ण विषय के शिक्षक नहीं होने से हाईस्कूल में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों ने स्कूल के मेट गेट पर ताला जड़ दिया। छात्रों ने बताया कि अंग्रेजी और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षक लंबे समय से नहीं हैं, इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
साथ ही विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर बुरी तरह असर पड़ रहा है। अंग्रेजी विषय के शिक्षक अमित मैसी को बीते तीन वर्षों से सेजस नवागढ़ में अटैच कर दिया गया है। वहीं अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाले शिक्षक लक्ष्मीप्रसाद सूर्यवंशी का तबादला महंत हाईस्कूल कर दिया गया है। इन दोनों शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण विद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह से ठप है। इसी तरह संस्कृत विषय के लिए भी कोई शिक्षक पदस्थ नहीं है।
उन्होंने बताया कि बार-बार शिकायत करने और मांग के बावजूद शिक्षा विभाग या प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई तब जाकर मंगलवार को अभिभावक और ग्रामीण स्कूल पहुंचे और गेट पर ताला जड़ दिया। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए और विद्यालय प्रबंधन के प्रति नाराजगी जाहिर की।
बड़ा सवाल: युक्तियुक्तकरण होने के बावजूद शिक्षकों की कमी क्यों?
पिछले दिनों शिक्षकों के
युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा भारी फेरबदल किया गया। दावा किया गया कि अब शिक्षकोें की कमी नहीं होगी। वहीं युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षक अन्य स्कूलों में अटैच कर दिए गए जबकि यहां छात्रों की संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। हाईस्कूल में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय के बिना बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
प्रदर्शन करने के बाद ही मांग हो रही पूरी
जिले के कई स्कूलों में लगातार शिक्षकों के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके पहले छात्र व अभिभावक कई इस संबंध में संबंधित अधिकारी को अवगत कराते है। लेकिन इसका असर नहीं होता है। वहीं जब छात्र स्कूल में ताला जड़ते है या अन्य प्रदर्शन करते है तत्काल मांग पूरी हो जाती है। इसके पहले मेऊं में प्रदर्शन के बाद एक शिक्षक भेजा गया था।