जब युवती ससुराल पहुंची तो पता चला कि ससुराल पक्ष 20 सालों से ईसाई धर्म का अनुशरण कर रहा है। उन्होंने बहू को भी ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। युवती ने इनकार कर दिया और मायके लौट आई। इस मामले में युवती के परिजन ने झाबुआ कोतवाली में धर्म परिवर्तन संबंधी प्रकरण भी दर्ज करवा दिया। झाबुआ थाना प्रभारी आरसी भास्करे ने बताया कि इस मामले में धर्म परिवर्तन की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई थी। अब जांच के बाद न्यायालय में आरोपियों पर कानूनन प्रकरण दर्ज किया गया है।
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गत 19 मई को दोनों परिवार के सदस्यों के साथ गांव के लोगों की बैठक हुई। इसमें लड़कीवालों ने कहा कि यदि लड़के का परिवार पुन: हिन्दू धर्म का पालन करता है तो ही वे अपनी बेटी को वापस भेजेंगे। सभी की मौजूदगी में लड़के वालों ने हिन्दू धर्म का अनुशरण करने की मंजूरी दे दी। साथ ही यह भी निर्णय लिया कि अब से पूरा परिवार केवल हिन्दू तीज-त्यौहार ही मनाएगा।
उनके द्वारा ईसाई धर्म के त्यौहार नहीं मनाए जाएंगे। साथ ही वे ईसाई धर्म के अनुयायियों, सेवक या धर्म प्रचारक को अपने घर में नहीं आने देंगे। ऐसा करने पर पंचायत द्वारा न केवल उन्हें दंडित किया जाएगा, बल्कि लड़की के परिजन पुन आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाएंगे।