किन-किन क्षेत्रों में स्कूलों की हालत जर-जर
अकेले थांदला विकासखंड में 111 स्कूल भवन जीर्ण शीर्ण हो रहे हैं। जबकि झाबुआ विकासखंड में 39, राणापुर में 35, पेटलावद में 57, मेघनगर में 34 और रामा विकासखंड में 23 ऐसे स्कूल भवन है जिनकी छतों से पानी टपकता है। इनमें से प्रत्येक के निर्माण पर 18 लाख 50 हजार रुपए के मन मान से कुल 55 करोड़ 31 लाख 50 हजार रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा 390 ऐसे स्कूल भवन भी हैं जिनकी मरम्मत की दरकार है। इसके लिए कुल 8 करोड़ 32 लाख 25 हजार रुपए का प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा गया है। खास बात ये है कि इसके लिए हर साल राशि स्वीकृति का प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा गया, लेकिन इसमें बहुत अधिक प्रगति नहीं हुई।
लेतलाली का असर इस तरह
जल्द ही मानसून सीजन आने वाला है। ऐसे में निश्चित तौर पर स्कूल भवन में पानी टपकेगा। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। वहीं छत भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। इन स्कूलों में करीब 30 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है।
हादसे की आशंका को देखते हुए गत वर्ष जिले में 235 जीर्ण शीर्ण स्कूल भवन को जमींदोज किया गया था। ऐसे में अब शासन से नए भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए तो प्रस्ताव भेजे गए हैं। वहीं कलेक्टर नेहा मीना ने स्वयं के प्रयासों से खनिज मद में 25 भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 71 लाख 25 हजार की राशि मंजूर करवा दी है। जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं 25 अन्य भवन निर्माण के लिए भी स्थानीय स्तर से प्रस्ताव तैयार किया गया है।
राज्य शिक्षा केंद्र को प्रस्ताव भेजा है
जो प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल भवन जीर्ण शीर्ण हो रहे हैं उनकी मरम्मत के लिए राशि स्वीकृति का प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा गया है। रालूसिंह सिंगार, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र, झाबुआ