Rajasthan Weather: अमलावद एनीकट के खुले गेट, MP में लगातार हो रही बारिश के कारण परवन नदी में बढ़ी पानी की आवक
Parvan River Water Flow Increasing: बारां जिले की ग्राम पंचायत कलमोदिया के अंतर्गत आने वाले ब्रह्माखेड़ी और पथरी गांव भी परवन नदी के किनारे स्थित हैं। लगातार बारिश से इन गांवों के रास्तों पर खतरा मंडराने लगा है।
Jhalawar Weather News: अकलेरा के बक्षेत्र में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बारां रोड स्थित परवन नदी पर बने अमलावद एनीकट में पानी का अत्यधिक भराव होने के चलते अभी तक सभी गेट पूरी तरह नहीं खोले जा सके हैं। इससे निचले इलाकों में जलभराव और रास्ते बंद होने की आशंका गहराने लगी है।
48 घंटे की बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। अकलेरा सहित गुलेण्डी, अरनिया छापी, घाटोली और गड़ाहेड जैसी नदियों में पानी की आवक काफी बढ़ गई है। मध्यप्रदेश सीमा क्षेत्र में भी लगातार बारिश के कारण अतिरिक्त पानी परवन नदी में आ रहा है।
किनारे बसे गांवों पर संकट
पिपलिया, खरेडिया, लहास, बरडावदा, मवासा, चाचौरनी, हलैहसरा, ब्रह्ममाखेड़ी, पथरिया, पथरी, कालाटोल जैसे कई गांव नदी के किनारे बसे हैं। इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बारां जिले की ग्राम पंचायत कलमोदिया के अंतर्गत आने वाले ब्रह्माखेड़ी और पथरी गांव भी परवन नदी के किनारे स्थित हैं। लगातार बारिश से इन गांवों के रास्तों पर खतरा मंडराने लगा है। एनीकट के ऊपर से पानी बहने लगा है।
गेट खोलने की उठी मांग
सरपंच अनीता मीणा ने बताया कि हर साल 15 जून तक एनीकट के गेट खोल दिए जाते थे लेकिन इस बार गेट समय पर नहीं खोले गए। इससे ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बारां-झालावाड़ सीमा पर बने एनीकट के गेट तत्काल खोलने की मांग की है।
रिमझिम बारिश से खेतों में भरा पानी
भवानीमंडी क्षेत्र में मानसून की सक्रियता के बाद जैसे ही पर्याप्त बारिश हुई, किसानों ने बोवनी का कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन अब आषाढ़ माह में लगातार हो रही रिमझिम बारिश और बारिश की झड़ी के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे बोवनी पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
मंगलवार को सुबह से दोपहर तक कभी झमाझम तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। दोपहर करीब 3 बजे अचानक तेज बारिश हुई, जिससे 5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले रविवार और सोमवार को भी रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा था। बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया और सड़कें कीचड़ व गड्ढों से लबालब हो गई हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं। बारिश के बाद ठंडी हवाएं चलने लगीं और पूरे दिन धूप नहीं निकली। हालांकि जो किसान पहले ही बोवनी कर चुके हैं, वे वर्तमान मौसम को फसल के लिए अनुकूल मानते हुए राहत महसूस कर रहे हैं। लगातार हो रही बारिश का असर लोगों की दिनचर्या और खानपान पर भी पड़ा है। घरों में अब गर्म व्यंजन जैसे पकौड़े, चाय, खिचड़ी आदि बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ज्यूस और आइसक्रीम की दुकानों पर भीड़ में कमी देखने को मिल रही है।
पचपहाड़ तहसील कार्यालय के अधिकारी अबिकेश चौरसिया ने बताया कि 1 जून से लेकर अब तक क्षेत्र में करीब 4 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3 इंच बारिश हुई थी।
जिले में असनावर में हुई 23 एमएम बारिश
झालावाड़ जिले मंगलवार को कई जगह हल्की बारिश हुई। शहर में दिनभर उसम भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। हालांकि दोपहर के समय हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं जिले सुबह 8 से शाम तक असनावर में 23, खानपुर में 3, पचपहाड़ में 5,पिड़ावा में 9, सुनेल में 3 एमएम बारिश दर्ज की र्गई। जिले में गत दिनों हुई बारिश से मौसम में ठंडक आ गई। लेकिन अभी उमस बनी हुई है।
पनवाड़ कस्बे में पिछले पांच दिनों से हो रही झमाझम बारिश के चलते मंगलवार को भी सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी, लेकिन दोपहर करीब 2 बजे जैसे ही धूप निकली, उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया।बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ा। लगातार वर्षा से नांगली नदी पर बने एनिकट पर भी पानी की आवक बढ़ गई है और एनिकट पर पानी की चादर बहने लगी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि लंबे समय बाद अच्छी बरसात से किसानों में भी उत्साह है, लेकिन अब तेज धूप और उमस से राहत की जरूरत महसूस हो रही है।
परवन पर बने एनीकट में पानी की आवक बनी है। आसपास की पंचायतो ने सर्दी में गेट बंद कराए थे, उसका पानी सिंचाई के काम लेते है, वही अब गेट खोल रहे है। पानी की आवक के चलते अभी आधे गेट खुले है।
रामनाथ मीना, सहायक अभियंता, अकलेरा
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