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झालावाड़

जिले में हर साल बढ़ रहे कैंसर मरीज,जिले में मुख कैंसर के 914, स्तन कैंसर के 473 मरीज सामने

-जिले में अभी तक 2781 कैंसर के मरीज पंजीकृत

झालावाड़Feb 04, 2025 / 11:35 am

harisingh gurjar

झालावाड़.प्रदेश में कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहा है। कैंसर रोगियों की संख्या में हर साल दस प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हर साल एक लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें करीब 50 प्रतिशत मरीज ओरल कैंसर(मुंह) गले और खाने की नली, लंग्स, ब्रेस्ट और बच्चेदानी के कैंसर से जुड़े मामले होते हैं। झालावाड़ जिले में 2018 से अभी तक सबसे ज्यादा मरीज मुख कैंसर के 914 व दूसरे नंबर पर स्तन कैंसर के 473 है। तीसरे नंबर पर फेफड़े के 335 व चौथे नंबर पर महिलाओं में बच्चेदानी के 144 मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में चिंताजनक बात है कि अब कैंसर की चपेट में आने वालों में महिला मरीज की संख्या बढ़ रही है। आश्चर्य की बात है कि सरकार ने एसआरजी अस्पताल में कैंसर केयर यूनिट तो बना दी लेकिन यहां पूरे समय वार्ड नहीं खुलता है। नतीजन प्रतिदिन एक दर्जन मरीजों को घर जाना पड़ता है या एसआरजी में ही सर्जरी विभाग में रोज चौथे माले पर भर्ती होना पड़ता है,ऐसे में गंभीर मरीजों को ज्यादा परेशानी आ रही है। गौरतलब है कि मंगलवार को यूनाइटेड बाय यूनिक थीम पर विश्व कैंसर दिवस मनाया जाएगा। ये थीम 2025 से 2027 तक चलेगी।

मृत्यु का दूसरा अहम कारण-

कैंसर विश्वभर में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण बन चुका है। इसमें शरीर के किसी हिस्से में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि और इसका अनियंत्रित रूप से विभाजन कैंसर का कारक हो सकती है,आनुवांशिकता, पर्यावरणीय, लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, रसायनों के अधिक संपर्क के कारण कैंसर होने का जोखिम बढ़ रह है। महिलाओं में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर, पुरुषों में फेफड़े,प्रोस्टेट और कोलन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में करीब 70 प्रतिशत तक लोग कैंसर को तब डिटेक्ट कर पाते हैं, जब वो तीसरी या चौथी स्टेज तक पहुंच जाते हैं। वहीं महिला मरीजों में ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी में कैंसर होने की संख्या सबसे अधिक सामने आ रही है।

ये कैंसर के प्रमुख लक्षण-

– किसी व्यक्ति के वजन में लगातार गिरावट

-भूख नहीं लगना, हड्डियों में बहुत ज्यादा दर्द

– मुंह एवं मूत्र में रक्त आना

– गुदा से बिना दर्द खून आना
– लंबे समय तक मुंह के छाले ठीक नहीं होना

– स्तन में गांठ,सूजन या अल्सर, भोजन निगलने में दर्द होना

– बच्चेदानी में असमय रक्तस्राव होना, बच्चेदानी में सूजन
– शरीर के किसी हिस्से में गांठ होना कैंसर के प्रमुख लक्षण है।

कैंसर के प्रमुख कारण-

– तंबाकू व शराब का सेवन करने से

– अधिक मोटापा बढऩे से
– वातावरण में अधिक धुआं व प्रदूषण होने से

– लंबे समय तक फोन पर ज्यादा बात करने से

– प्रिजर्वेटिव युक्त खाना खाने से जैसे कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ का लंबे समय तक सेवन से
– लंबे समय तक एक ही खाद्य तेल में खाद्य पदार्थ का पकाना

– गर्म खाने को प्लास्टिक में परोसने से

– गर्म निरोधक गोलियों को लंबे समय तक उपयोग में लेने से जिले में
कैंसर मरीज: फैक्ट फाइल

– मुख कैंसर- 914

– स्तन कैंसर- 473

– फेफड़े के मरीज-335

– बच्चेदानी(गर्भाशय ग्रिवा) – 144

– पेट व अन्य-915

-जिले में अभी तक कीमौथैरपी हो चुकी है- 9680
-जिले में 2018 से जनवरी 2025 तक कुल मरीज- 2781

जिले में ऐसे बढ़ते जा रहे मरीज

सन कैंसर मरीज

2018 316

2019 349

2020 266
2021 277

2022 498

2023 509

2024 526

कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम-

कैंसर जैसी घातक बीमारी के तेजी फैलने व उसके प्रथम स्टेज पर ही पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए सीएमएचओ डॉ. साजिद खान द्वारा करीब 100 एएनएम को प्रशिक्षण के लिए एसआरजी अस्पताल में भेजा गया। जिन्हे कैंसर नोडल ऑफिसर डॉ. अशोक नागर ने कैंसर स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया। ये एएनएम प्रमुख रूप से महिलाओं में हो रहे गर्भाशय ग्रिवा के कैंसर की जांच के लिए उन्हे एसआरजी भेजती है। इनका कहना है लापरवाही के कारण कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहे है। राजस्थान में हर साल औसतन कैंसर के करीब दस प्रतिशत मरीज बढ़ जाते हैं। एसआरजी अस्पताल में अभी तक2781 मरीज आ चुके हैं। इनमें मुख व स्तन कैंसर के मरीज ज्यादा है। एसआरजी में अस्पताल में मैमोग्राफी, सिटी स्कैन, बायोप्सी, एनएसी जांचों की सुविधा है। कैंसर का समय पर लगा जाएं तो इसकी दुवाई देने से मरीज को ठीक किया जा सकता है।

डॉ. अशोक नागर, नोडल कैंसर अधिकारी, मेडिकल कॉलेज,झालावाड़।

परिजनों को समझाते हैं-

10 मिनिट्स फॉर केयर गिवर इसके तहत हम मरीजों के परिजनों को एक साथ बिठाकर मरीज की बीमारी के बारे में पूरा बताते हैं, ताकि उन्हे घर पर छोटी-मोटी परेशानी में कैसे मरीज का ध्यान रखना है। कैंसर से डरना नहीं है, इसका इलाज संभव है। शुरूआती समय में इसका पता लगने पर मरीज की जो उम्र है वो उसे पूरी कर सकता है। कैंसर खोफ नहीं है, लेकिन इसका इलाज संभव है।अब कई तरह का एडवांस इलाज होने लगा है।

डॉ.वैभव गगरानी, सहायक आचार्य एवं विभागाध्यक्ष कैंसर रोग,मेडिकल कॉलेज, झालावाड़।

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