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उच्च शिक्षा : प्रदेश के आधे कॉलेज बिना मुखिया

हरिसिंह गुर्जर झालावाड़.राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकारी कॉलेज में नए कोर्स और संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन राज्य के 350 से ज्यादा कॉलेज में प्राचार्य नहीं हैं। यह प्रभारियों अथवा वरिष्ठ व्याख्यातों के ही भरोसे संचालित हो रहे है। कई कॉलेज में तो मूलभूत संसाधन भी नहीं है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय […]

झालावाड़Apr 06, 2025 / 12:23 pm

harisingh gurjar

हरिसिंह गुर्जर

झालावाड़.राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकारी कॉलेज में नए कोर्स और संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन राज्य के 350 से ज्यादा कॉलेज में प्राचार्य नहीं हैं। यह प्रभारियों अथवा वरिष्ठ व्याख्यातों के ही भरोसे संचालित हो रहे है। कई कॉलेज में तो मूलभूत संसाधन भी नहीं है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय के अधीन करीब 662 कॉलेज हैं। सरकार और उच्च शिक्षा विभाग ने बीते 7-8 साल में 400 से ज्यादा नए कॉलेज खोले हैं। इनमें संभाग और जिला सहित उपखंड मुख्यालय शामिल हैं। इनमें से 350 से ज्यादा कॉलेज में स्थायी प्राचार्य ही नहीं हैं। शेष 300 कॉलेज में से करीब 100-150 में ही स्थायी प्राचार्य हैं। जबकि राजस्थान कॉलेज एज्यूकेशन सोसायटी के तहत संचालित 150 कॉलेज में सबसे वरिष्ठतम शिक्षक ही प्राचार्य पद संभाले हुए हैं। ऐसे में कई जगह कॉलेजों में मॉनिटरिंग सहित कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय द्वारा मांगी जा रही सूचनाएं भी समय पर नहीं पहुंच पा रही है। वहीं झालावाड़ जिले में 11 कॉलेज है जिनमें से पीजी कॉलेज में ही स्थायी प्राचार्य है, शेष कॉलेज व्याख्याओं के भरोसे चल रहे हैं।

जिले में मनोहरथाना व डग में लगे है ताले-

जिले में 11 कॉलेज है। जिसमें से मात्र एक पीज कॉलेज में ही प्राचार्य है, शेष कन्या महाविद्यालय,झालावाड़, राजकीय महाविद्यालय मनोहरथाना, राजकीय बिडला महाविद्यालय भवानीमंडी, राजकीय महाविद्यालय खानपुर, राजकीय महाविद्यालय पिडावा,राजकीय महाविद्यालय चौमहला, राजकीय महाविद्यालय डग, राजकीय महाविद्यालय असनावर में स्थाई प्राचार्य नहीं है।

डग व असनावर में कोई स्टाफ नहीं-

जिले के राजकीय महाविद्यालय असनावर व राजकीय महाविद्याय डग में इस समय कोई स्टाफ नहीं है। यहां विद्या संबंल योजना का स्टाफ लगा हुआ था, जिसे भी फरवरी मध्य से हटा दिया गया है। ऐसे में अब कॉलेजों में ताले लगे हुए है। ऐसे में विद्यार्थियों को भी नुकसान हो रहा है। वहीं राजकीय महाविद्यालय डग का कॉलेज भी अभी स्कूल भवन में चल रहा है। इसके लिए अभी तक दूबारा टेंडर ही किए जा रहे हैं। पता नहीं भवन कब बनेगा। वहीं अकलेरा कॉलेज के लिए तो अभी जमीन का ही चिन्हीकरण नहीं हो पाया है।

शिक्षकों के पद भी खाली-

राज्य में 6909 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 4304 ही कार्यरत हैं। 2605 पद रिक्त हैं। नए खुले 400 कॉलेज में 70 प्रतिशत तक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक आचार्य भर्ती-2023 जारी है। इससे 1897 शिक्षकों की भर्ती प्रोसेस में है। सहायक आचार्य भर्ती- 2024 के तहत 574 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जानी है।

ये है नए खुले कॉलेजों के हाल

– कई नए खुले कॉलेज में नहीं साइंस लैब

– खेलकूद के लिए मैदान नहीं

– किराए के भवन में कॉलेज संचालित हो रहे हैं
– विद्यार्थियों के लिए कैंटीन-कॉमन रूम नहीं

-डिजिटल अथवा कॉमन लाइब्रेरी नहीं

-कैंपस प्लेसमेंट, एनसीसी, रोवर-रेंजर नहीं

कॉलेज शिक्षा: फैक्ट फाइल

– सत्र 2024-25

– प्रदेश में 662 कॉलेज हैं
– 15 लाख सीट हैं यूजी-पीजी कॉलेज में

– 11 लाख विद्यार्थियों का है नामांकन

– 4 लाख सीट हैं रिक्त प्रदेशभर में

जल्द लगाए जाएंगे

– जिन कॉलेज में कोई नहीं है, वहां विद्या संबंल वाले जल्दी ही लगाए जाएंगे, कुछ जगह तो विज्ञापन भी निकल दिया है। कई कॉलेज में आरपीएससी से चियनित होकर आ रहे हैं।स्थाई प्राचार्य का मामला सरकार के स्तर का है, वहां से कुछ निर्णय होने के बाद ही लग पाएंगे। डग व असनावर कॉलेज में अगर ताला लगा हुआ है तो वहां भी नोडल कॉलेज से एक आदमी भेजा जाएगा।

डॉ. विजय पंचोली, क्षेत्रीय निदेशक, कॉलेज शिक्षा।

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