चीन से चोरी छिपे आ रहा लहुसन हाड़ौती के किसानों को आर्थिक झटका दे रहा है। यहां स्थानीय मंडी में पिछले एक माह में ही लहसुन के भावों में 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। आर्थिक नुकसान के चलते मण्डी में स्थानीय लहसुन की आवक घटकर 25 फीसदी ही रह गई है। देश के किसानों को भारी नुकसान के बावजूद सरकार चीन से आ रहे लहसुन पर रोक नहीं लगा पा रही।
लहसुन के भाव इस बार उच्चतम स्तर पर होने के कारण देश के कई शहरों में बिहार के महाराजगंज, नेपाल व अफगानिस्तान के रास्ते चीन के लहसुन की भारी मात्रा मात्रा में आवक हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि चीन का लहसुन पहले अफगानिस्तान आ रहा है, वहां से कन्टेनरों के माध्यम से हमारे देश व प्रदेश में पहुंच रहा है। चीन से सीधे लहसुन के आयात पर रोक होने तथा भारत-अफ गानिस्तान के बीच व्यापार कर मुक्त होने का फायदा उठाया जा रहा है। पहले चीन से अफगानिस्तान लहसुन मंगवाया जा रहा है। वहां से कन्टेनरों से भारत भिजवाया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार देश में अब तक 2 हजार कन्टेनर चीन के लहसुन की आवक हो चुकी है। ऐसे में एक माह में ही भारतीय लहसुन के दाम 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक गिर चुके है। भावों के गिरने के डर से किसान अपने पास रखा लहसुन आनन फानन में मण्डियों में लाकर बेच रहे है, लेकिन यहां भी भाव नहीं मिलने से किसानों में निराशा है।
आवक 25 फीसदी रह गई
सीजन में जहां लहसुन की 1500 से 2500 कट्टे आवक हो रही थी, वह अब घटकर 500 से 600 कट्टे तक रह गई है। अभी कम भाव में भी मण्डी में खरीदार नहीं है। खानपुर मण्डी में लहसुन के करीब 45 लाइसेंसधारी व्यापारी है, लेकिन गिरते भावों के चलते 15 से 20 व्यापारी ही नीलामी में भाग लेकर खरीद फरोख्त कर रहे है। माल की आवक घटने से व्यापारी आगामी 10 जनवरी से नई फसल आने तक मण्डी में लहसुन का कारोबार बन्द रखा जाएगा।
36 हजार तक बिका था लहसुन
तेजी के चलते पिछले माह लहसुन अधिकतम 36 हजार रूपए क्विंटल तक बिका था। लेकिन वर्तमान में 20 से 24 हजार रुपए क्विंटल ही बिक रहा है। इसमें अथी और गिरावट की आशंका है। ऐसे में मण्डी में लेवाल व दक्षिण के व्यापारी भी पीछे हट रहे है।
जिले की एकमात्र लहसुन मण्डी
खानपुर में जिले की एकमात्र लहसुन मण्डी है। यहां अप्रेल 2017 से व्यापारियों ने लहसुन की खरीद प्रारंभ की गई थी। लहसुन खरीद शुरू होने से मण्डी के राजस्व आय में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मण्डी को गत वर्ष लहसुन से 1.55 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि इस वर्ष नवम्बर माह तक 1.16 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है। चीन के लहसुन पर रोक नहीं लगी और हालात नहीं सुधरे तो लहसुन के भाव औंधे मुंह गिर जाएंगे। इन दिनों मण्डी में लहसुन की आवक घटकर 400 से 500 कट्टे ही रह गई है। गिरते भावो से व्यापारियों व किसानो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किशनलाल बंसल, लहसुन व्यापारी चीन का लहसुन देश में आने से एक माह में 10 से 12 हजार रुपए क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। गत माह लहसुन व्यापारियों ने कारोबार बन्द रखकर विरोध जताया गया था। इसके बावजूद देश में चीन के लहसुन पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है।
बालचन्द नागर, अध्यक्ष लहसुन व्यापार संघ खानपुर