भीमसागर बांध का गेट खोलकर अतिरिक्त पानी की जल निकासी (फोटो: पत्रिका)
Monsoon 2025: मानसून की पहली जबरदस्त बारिश की वजह भीमसागर बांध इस बार जुलाई माह में ही अपनी भराव क्षमता का 55 फीसदी लबालब हो गया। गत वर्ष जुलाई माह में बांध मात्र 14 फीसदी भरा हुआ था जो कि उस वक्त सितंबर माह के अंतिम दिनों में बांध का एक गेट खुला था। जबकि इस बार जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में ही बांध के तीन गेट खोलकर जल निकासी की गई। बांध का 2 जुलाई शाम को जलस्तर 995.90 दर्ज किया गया।
रात 11 बजे के बाद अचानक भीमसागर व असनावर क्षेत्र में झमाझम बरसात का दौर शुरू हुआ जो बुधवार सुबह 6 बजे तक करीब 205 एमएम (8 इंच) बरसात होने के साथ ही करीब 8 घण्टों में बांध में 7 फीट पानी की आवक समेत कैचमेंट एरिया असनावर क्षेत्र में बारिश की वजह बुधवार सुबह 10 बजे तक तीन गेटों को 15 फीट तक खोलकर अतिरिक्त पानी की जुलाई माह में निकासी शुरू करवा दी गई। बांध इस वक्त अपनी भराव क्षमता 45 फीसदी खाली है। बांध इस वक्त 1004.80 जलस्तर बना हुआ है जबकि इसकी भराव क्षमता 1012 है।
खुला रहा एक गेट
भीमसागर बांध उजाड़ नदी में आवक बरकरार होने बांध का एक गेट गुरुवार शाम 4 बजे तक खुला रहा। बांध के जेईएन आकाश मेहरा ने बताया उजाड़ नदी में आवक होने की वजह बांध का एक गेट 1 फीट खोलकर करीब 600 क्यूसेक पानी गुरुवार शाम 4 बजे तक गेट खोलकर निकासी की गई। बांध अपनी भराव क्षमता का 55 फीसदी भरा हुआ है।
भारी बारिश के कारण यहां विद्यालय में भरा पानी
वहीं झालावाड़ के बड़बड़ ग्राम पंचायत के गांव लक्ष्मीपुरा का राजकीय प्राथमिक विद्यालय हर वर्ष बारिश में तालाब बन जाता है। जिससे बारिश के दिनों में विद्यार्थियों एवं स्टाफ शिक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विद्यार्थियों को पड़ौस के एक निजी मकान में पढ़ाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बरसाती पानी की निकासी के लिए पक्का नाला निर्माण करवाने की मांग की है। संस्था प्रधान ने बताया कि विद्यालय परिसर में पानी भर जाने के कारण पास के निजी मकान में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे है। बरसाती पानी उतरने के बाद विद्यालय में ही विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।
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