जिले में गत दिनों सफाई के दौरान ही एक बालिका को सांप के काटने से उसकी मौत हो गई थी। लेकिन अब स्कूल कंपोजिट ग्रांट मिलने से इस तरह की परेशानी नहीं होगी। बच्चों से सफाई नहीं करवाकर अन्य लोगों से साफ-सफाई करवाई जा सकेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने व अन्य भौतिक जरुरतों के लिए दी जाने वाली कंपोजिट स्कूल ग्रांट के तहत झालावाड़ जिले के 1690 सरकारी विद्यालयों में ग्रांट के लिए करीब 81 लाख रुपए जारी किए गए है। ऐसे में समय पर राशि नहीं मिलने पर विद्यालयों में पेयजल, विद्युत, साफ सफाई आदि प्रमुख व्यवस्थाओं में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में अपार आईडी आदि कार्य ऑनलाइन होने से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कयूटर आदि संसाधनों की कमी अधिक अखरती है। बरसात के सीजन में भी स्कूल भवनों में सीलन, पानी आने संबंधी परेशानी सामने आई थी। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में पर्याप्त मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी की दरकार है। लेकिन अब ग्रांट मिलने से छोटे-मोटे काम के लिए परेशानी नहीं होगी।
ये हो रही थी परेशानी
कई सरकारी विद्यालयों में बोरिंग एवं नल कनेक्शन के माध्यम से भी पेयजल आपूर्ति होती है। मिड डे मील के तहत बनने वाले भोजन एवं सफाई व्यवस्था आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। छोटे-मोटे काम भी नहीं हो पाते हैं, इसके अलावा काफी संया में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन में सुविधाओं में विस्तार की जरूरत है।
इस तरह मिलती राशि
योजना के तहत 1-31 विद्यार्थियों के नामांकन पर दस हजार, 31 से 100 तक 25 हजार,250 तक 50 हजार, एक हजार नामांकन तक 75 हजार एवं इससे अधिक पर एक लाख रुपए राशि देय है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से वर्ष 2018 से ग्रांट की राशि नामांकन के अनुसार करने से काफी संया में स्कूल लाभान्वित हुए।
जिले को इतनी राशि मिली-
नामांकन स्कूल राशि 1-30 242 564984 31-100 656 2718464 101- 250 339 2817768 251-1000- 12 149884 31-100 5 10475 101-250 85 354365 251-1000 246 1537500 1000 से अधिक 5 41660 इनका कहना है… स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी होने वाली स्कूल ग्रांट राशि को निर्देशानुसार भिजवा दिया जाता है। इससे सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए जरूरी कार्यों में उपयोग में लिया जा सके। जिले में सभी विद्यालयों के खातों में राशि डाल दी गई है। इससे साफ-सफाई सहित अन्य छोटे-मोटे काम किए जाते हैं। जिले में करीब 81 लाख की राशि डाली गई है।
सीताराम मीणा, एडीपीसी, समसा, झालावाड़