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झुंझुनू

झुंझुनूं से सालासर के लिए शुरू हुई बस, जानें टाइम टेबल

यह बस प्रत्येक दिन सुबह 6:30 बजे झुंझुनूं डिपो से रवाना होगी और करीब 9:00 बजे सालासर पहुंचेगी।

झुंझुनूJul 03, 2025 / 11:51 am

Rajesh

यह बस प्रत्येक दिन सुबह 6:30 बजे झुंझुनूं डिपो से रवाना होगी और करीब 9:00 बजे सालासर पहुंचेगी।

पूरे देश में प्रसिद्ध सालासर बालाजी के लिए बालाजी के वार मंगलवार से नई बस सेवा शुरू हुई है। झुंझुनूं डिपो के चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने बताया कि राजस्थान के झुंझुनूं रोडवेज डिपो से दर्शनार्थियों के लिए अब चूरू जिले में ​िस्थतसालासर बालाजी के दर्शन करना आसान होंगे। यह बस झुंझुनूं से सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ होते हुए सालासर जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को अब यात्रा में बस बदलने की परेशानी नहीं होगी। यह बस प्रत्येक दिन सुबह 6:30 बजे झुंझुनूं डिपो से रवाना होगी और करीब 9:00 बजे सालासर पहुंचेगी। वापसी में सालासर से साढ़े नौ बजे रवाना होकर दोपहर करीब बारह बजे बजे झुंझुनूं पहुंचेगी। यह सेवा उन श्रद्धालुओं के लिए खास लाभकारी होगी जो बालाजी के दर्शनों के लिए नियमित रूप से यात्रा करते हैं। नई व्यवस्था से यात्रियों में खासा उत्साह है। वहीं अनेक भक्तों का कहना है सालासर से वापसी अभी साढ़े नौ बजे होगी। ऐसे में आधे घंटे में दर्शन कर बस स्टैंड तक वापस आना मु​श्किल होगा। ऐसे में बस सालासर से वापसी में साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच रवाना की जाए, ताकि भक्त दो घंटे में दर्शन कर वापस इसी बस से झुंझुनूं वापस आ सकें। या फिर इस बस को सालासर से आगे लाडनूं या जसवंतगढ़ तक बढ़ाने से भी भक्तों को फायदा होगा।

400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी

इसके अलावा झुंझुनूं से उदयपुरवाटी होेते हुए सीकर के लिए भी नई बस शुरू की गई है। इसके अलावा सूरजगढ़ के काजड़ा के लिए भी नई बस सेवा शुरू हुई है।स्वामी ने बताया कि इसके अलावा अब डिपो के सभी 77 शेड्यूल पर चलने वाली बसें रोजाना कम से कम 400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी।यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले केवल 51 शेड्यूल ही इस मानदंड को पूरा करते थे, जबकि शेष 26 शेड्यूल कम दूरी तक ही सीमित थे। इस नई पहल का सीधा फायदा आम यात्रियों को मिलेगा, जिससे उनका सफर अधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगा।

रोडवेज को होगा आर्थिक लाभ

कम दूरी वाले शेड्यूल रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया, 400 किलोमीटर प्रतिदिन संचालन की नीति से अब प्रत्येक बस की उपयोगिता और रिटर्न दोनों बढ़ेंगे। इससे संचालन लागत वसूल होगी और आय में उल्लेखनीय इजाफा होगा। यह कदम रोडवेज डिपो की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।

तकनीक से मॉनिटरिंग

नई व्यवस्था में बसों की जीपीएस ट्रैकिंग, टिकटिंग में पारदर्शिता और समयबद्ध फेरे सुनिश्चित किए गए हैं। प्रत्येक बस के माइलेज, डीजल खपत और परिचालकों की ड्यूटी पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। यह तकनीकी निगरानी बसों के संचालन को अधिक कुशल और जवाबदेह बनाएगी।

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