जानिए: दोनों चिकित्सकों ने पद को लेकर क्या दिए तर्क
बाबुओं ने स्थगन आदेश पढ़कर गलत अर्थ निकाल लिया
रेट के आदेश यह है कि नियोक्ता ही संबंधित को पोस्टिंग देने के लिए स्वतंत्र है कि कहां पर और कैसे दें। बाबुओं ने आदेश को पढ़कर अर्थ गलत निकाल लिया। अब आदेश को अच्छी तरह पढ़ा तो गलती का पता चला है। पचार को चिकित्सा विभाग जयपुर के निदेशक के यहां से पोस्टिंग आदेश लाने के लिए लिखा गया है।
-डॉ. राजवीर राव
मुझे विभाग से मिल चुके हैं प्रशासनिक और डीडीओ पावर
रेट के स्थगन आदेश पर मैंने पद संभाला है। स्थगन आदेश का मतलब ही यथावत पद पर रहना है। चिकित्सा विभाग से मुझे प्रशासनिक और डीडीओ पावर मिल चुके हैं। पत्र के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। ऐसे तो अस्पताल का कोई भी कर्मचारी लिख देगा। बुधवार को चिकित्सा विभाग के निदेशक से इस सिलसिले में बात करूंगा।
-डॉ. संदीप पचार