एग्रीकल्चर में पढ़ाई करने के लिए झुंझुनूं जिले में दो सरकारी कॉलेज हैं। एक चिड़ावा में और दूसरी मंडावा में। दोनों कॉलेजों में प्रवेश जेट परीक्षा के माध्यम से होगा। प्रोत्साहन राशि के लिए छात्रा का राजस्थान की मूल निवासी होना अनिवार्य है। जो राजकीय एवं राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत होनी चाहिए। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में मूल निवास प्रमाण पत्र, गत वर्ष की अंकतालिका प्रस्तुत करनी होगी।
ई-साइन सर्टिफिकेट जारी होंगे
राज किसान साथी पोर्टल पर पंजीकरण के बाद संबंधित संस्था प्रधान आवेदनों की जांच कर ई-साइन सर्टिफिकेट जारी करेंगे। इसमें बताया जाएगा कि छात्रा किस कक्षा में अध्ययनरत है। साथ ही, संस्था प्रधान यह भी सर्टिफाई करेंगे कि छात्रा ने फिर से उसी कक्षा में प्रवेश नहीं लिया है और वह अनुत्तीर्ण नहीं हुई है। छात्राओं के गलत आवेदनों पर ई-साइन सर्टिफिकेट जारी होने पर जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। संस्था प्रधान द्वारा जारी ई-साइन सर्टिफिकेट की जांच के बाद वित्तीय स्वीकृति संयुक्त निदेशक जारी करेंगे।
कौन सा कोर्स करने पर कितना मिलेगा पैसा?
दसवीं के बाद कृषि संकाय में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को आर्थिक सम्बल दिया जाएगा। उनको ग्यारहवीं व बारहवीं में 15-15 हजार रुपये दिए जाएंगे। बीएससी करने पर 4 साल में 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। पीएचडी करने के लिए 1 लाख 20 हजार हजार रुपये दिए जाएंगे। इससे छात्राओं व उनके परिजनों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। दसवीं के परिणाम के बाद एडमिशन शुरू हो जाएगा।
इन विषयों से पढ़ने पर भी मिलेगी सम्बल राशि
इसके अलावा उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी और खाद्य प्रसंस्करण में स्नातक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भी 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष (4 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए) दिए जाएंगे। इसी प्रकार कर्ण नरेंद्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जोबनेर में बी.एस.सी कृषि एवं एग्री बिजनेस में अध्ययनरत छात्राओं को 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। एम.एस.सी. कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को भी 25 हजार रुपये हर साल दिए जाएंगे। संयुक्त निदेशक कृषि डॉ राजेन्द्र लाम्बा ने इन बातों की जानकारी दी है।