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हर्षिनी कैसे बनी भाजपा की झुंझुनूं जिलाध्यक्ष, जानें अंदर की कहानी

हर्षिनी पार्टी के हर छोटे बड़े कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाती रही है। वे वर्तमान में जिला प्रमुख भी हैं। वे जाट समाज से हैं। युवा हैं , पढी लिखी हैं और उनके नाम को लेकर कोई विवाद नहीं है।

झुंझुनूJun 18, 2025 / 11:47 pm

Rajesh

jhunjhunu news

भाजपा की झुंझुनूं जिलाध्यक्ष ह​र्षिनी कुल्हरी

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के झुंझुनूं जिले की जिला प्रमुख हर्षिनीकुल्हरी को झुंझुनूं जिले की पार्टी के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। जिले में भाजपा ने पहली बार महिला को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है। हर्षिनीकुल्हरी जाट समाज से हैं। इनके ससुर नरेन्द्र कुमार प्रधान, विधायक व सांसद रह चुके। कुल्हरी को जिला अध्यक्ष बनाने में ससुर का सबसे बड़ा योगदान माना जा रहा है। हर्षिनी खुद भी पार्टी के हर छोटे बड़े कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाती रही है। सरकारी मीटिंगों में भी वे जनप्रति​नि​धि के रूप में रहती हैं। नियुक्ति के बाद उनके समर्थकों ने मिठाई बांटी व पटाखे छोड़कर जश्न मनाया।

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इनसाइड स्टोरी: इसलिए बनी जिलाध्यक्ष

जिलाध्यक्ष पद पर अब से पहले चौदह व्यक्ति रह चुके। ह​र्षिनी प्रदहवीं जिलाध्यक्ष है।जाट समाज के व्यक्ति को पहली बार यह पद मिला है। माना जा रहा है जाट समाज को साधने व उनको पार्टी में ज्यादा संख्या में जोड़ने के लिए जिलाध्यक्ष बनाया गया है। ह​र्षिनी किसी गुट से भी नहीं जुड़ी हुई है। भाजपा का मानना है कि उनको पद देने से पार्टी में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी। उनके ससुर नरेन्द्र कुमार ने मंडावा में पहली बार भाजपा का कमल खिलाया था। लेकिन इस बार उनको सांसद का टिकट नहीं दिया गया था। वैसे तो जिलाध्यक्ष की दौड़ में कई नेता शामिल थे, लेकिन सफलता हर्षिनी को मिली। कई नामों को लेकर विरोध था, लेकिन हर्षिनी को लेकर कोई विरोध नहीं था। वे सोशल मीडिया पर भी काफी ए​​क्टिव रहती है। ह​र्षिनी ही पहली बार भाजपा की जिला प्रमुख बनने में सफल रही है। वे युवा और उच्च ​शि​क्षित हैं। ह​र्षिनी के साथ जो व्य​क्ति जिलाध्यक्ष की दौड़ में थे उनमे दो के ​​खिलाफ तो मामले दर्ज हो चुके। एक को पार्टी दूसरी जगह कई मौके दे चुकी। कुछ जातिगत समीकरणों में फिट नहीं बैठ रहे थे। दो जनों का दिल्ली व जयपुर में विरोध हो गया। अ​धिकतर लोग सबके सामने जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल होने का प्रचार कर रहे थे, इसलिए उनके विरोध भी सक्रिय हो गए थे, जबकि ह​र्षिनी ने ​बिना प्रचार किए ही यह पद ले लिया।

सैनी का कार्यकाल पूरा

कुल्हरी से पहले बनवारी लाल सैनी जिलाध्यक्ष थे। उनका कार्यकाल पूरा हो चुका। पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया को ओबीसी आयोग में सदस्य बनाकर माली समाज को पहले ही तोहफा दे दिया था।

नवनियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष का पहला साक्षात्कार

सवाल: क्या प्राथमिकता रहेंगी?

जवाब: पार्टी में सभी को साथ लेकर चलूंगी। वैसे तो हर वर्ग मेरी प्राथमिकता रहेगी लेकिन महिलाओं व यूथ पर ज्यादा फोकस रहेगा।
सवाल: पार्टी में गुटबाजी भी है, चुनावों में यह बात सामने भी आ चुकी, इसे कैसे दूर करेंगी?

जवाब: मैं अभी जिला प्रमुख हूं, सातों विधानसभा क्षेत्रों में बराबर विकास करवा रही हूं, आगे भी मेरे लिए सभी सातों क्षेत्र बराबर रहेंगे।
सवाल: पहली बार महिला को बनाया है, पहली बार जाट समाज को यह पद दिया है, इसे कैसे देख रही हैं?

जवाब: महिलाओं को ज्यादा संख्या में जोड़ेंगे। मैं तो सभी जातियों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती हूं।
सवाल: जिलाध्यक्ष बनाने का श्रेय किसे देंगी?

जवाब: पार्टी के हर कार्यकर्ता को श्रेय है। वैसे प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मेरे ऊपर विश्वास किया है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विश्वास किया। नई टीम बनाकर सभी को सक्रिय किया जाएगा।

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