बेटी बोली, पापा की तरह फौजी बनूंगी… चुन-चुनकर बदला लूंगी
एयरफोर्स में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट रहे सुरेन्द्र मोगा(जाट) ने 9 मई 2025 की रात करीब 12 बजे पत्नी सीमा से आखिरी बार फोन पर बात की थी। बातचीत के दौरान सीमा ने पाकिस्तान की ओर से आ रहे ड्रोन को लेकर चिंता जताई, जिस पर सुरेन्द्र ने आश्वस्त किया सब कुछ ठीक है, मैं सुरक्षित हूं। उसी रात उनकी बेटी वृतिका ने भी करीब 9 बजे पिता से बात की थी। लेकिन किसे पता था कि यही उनकी अंतिम बातचीत होगी। शहीद की बेटी वृतिका ने भी बताया कि उसकी रात नौ बजे के लगभग पिता से बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि यहां सब कुछ सेफ है। मैं सुरक्षित हूं। बेटी ने कहा कि दुश्मनों ने मेरे पापा की जान ली है, मैं फौज में जाऊंगी और पापा के दुश्मनों से बदला लूंगी। पापा की तरह फौजी बनूंगी:चुनचुनकर बदला लूंगी। मेरे पापा बहुत अच्छे थे.. मेरे पापा ने देश की रक्षा की है। अब पूरा पाकिस्तान खत्म होना चाहिए। परिजन व ग्रामीण बोले : पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाएं, दुबारा वह आंख उठाकर नहीं देखे
ताऊ बोले, अब बदला जरूरी
सुरेन्द्र के ताऊ व सेना से रिटायर्ड फौजी जगदीश मोगा (जाट) ने कहा कि जब दुश्मन अटैक कर रहा है तो हमे भी उसके सैन्य ठिकानों, बंदरगाहाें व तेल डिपो उडा देने चाहिए। उनकी सेना को टार्गेट बनाकर हमले करने का वक्त आ गया है। ग्रामीणों व परिवार के सदस्यों ने बताया कि सुरेन्द्र की ड्यूटी सुबह करीब छह बजे पूरी होनी थी। इससे कुछ समय पहले ड्रोन जैसा कुछ आया, सुरेन्द्र जहां कार्यरत थे वहां धमाका हुआ और वे शहीद हो गए। अंतिम संस्कार के दिन अनेक लोग इसकी चर्चा करते रहे। वहीं अनेक लोगों ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना ही होगा। हमें डिफेंस छोड़कर अब हमलावर बनना होगा। सबक ऐसा सिखाएं ताकि वह दुबारा भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देखें। ग्रामीणों ने कहा हमारी मां व बेटियां कब तक उसकी हरकतों का दर्द सहती रहेंगी?
अंतिम विदाई में आई महिलाएं, छतों से गूंजे नारे
अमूमन गांवों में अंतिम संस्कार में महिलाएं कम ही शामिल होती है, लेकिन अपने लाडले के अंतिम दर्शन करने व सम्मान में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं व युवतियां भी आई। अनेक युवतियों ने छत पर चढकर जय हिन्द, हिन्दुस्तान जिंदाबाद, शहीद सुरेन्द्र अमर रहे के जयकारे लगाती रही। अंतिम संस्कार में मेहरादासी के अलावा आस-पास के अनेक गांवों के लोग भी शामिल हुए।
वीरांगना बोली, एक बार उठ जा यार…आई लव यू…
बस एक बार चेहरा दिखा दो। मैं खुद को कंट्रोल कर लूंगी। आसुओं के सैलाब के बीच वीरांगना सीमा ने जब ताबूत में रखी शहीद सुरेन्द्र मोगा की पार्थिव देह के लिपटे प्लास्टिक को हटाकर रूंधे गले से बोली ‘उठ जा यार, प्लीज एक बार उठ जा…फिर सैल्यूट करके बोली जय हिंद…तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। नौ साल की बेटी वृतिका पिता की देह देखते ही सुधबुध खो बैठी। उसने कहा कि वह अपने पिता का बदला दुश्मन से लेगी। फिर हाथ उठा कर कहा ‘जय हिन्द।’ नौ साल का मासूम बेटा दक्ष अपनों को रोता देखकर बिलखता रहा। वहीं मां नानू देवी कहती रही मुझे छोड़कर कहां गया मेरे लाल… अब इस नए मकान में कौन रहेगा…। जिले के मंडावा उपखंड के मेहरादासी गांव में शहीद सुरेन्द्र मोगा की रविवार को पूर्ण सैन्य व राजकीय सम्मान से अंत्येष्ठी के दौरान यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखों में आंसू भर आए। सुरेन्द्र उद्यमपुर में हुए पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए।
मेरा सुरेन्द्र नहीं है…
एयरफोस के अधिकारियों ने सुरेन्द्र की वर्दी व टोपी वीरांगना को सौंपी तो उसने सीने के लगाकर तीन बार आई लव यू बोला। अधिकारियों ने जब कहा कि पूरी एयरफोर्स आपके साथ, पूरा देश आपके साथ है तो वीरांगना ने कहा कि सबकुछ है लेकिन मेरा सुरेन्द्र मेरे पास नहीं है, प्लीज बताओ, मेरे सुरेन्द्र को साथ लेकर क्यों नहीं आए, उसे क्यों छोड़कर आ गए।
मदर्स डे पर मां बोली : मुझे छोड़कर कहां चला गया मेरे लाल
एक दिन पहले तक किसी ने मां नानू देवी को नहीं बताया था कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। लेकिन शायद मां व बेटे के बीच दिल के तार जुड़े हुए थे। वह रात भर सो नहीं सकी थी। सुबह पांच बजे से वह पडोसियों से पूछ रही थी आज मन में घबराहट व बेचैनी से क्यों हो रही है? मातृत्व दिवस पर रविवार को एक बजे जैसे ही बेटे की देह तिरंगे में लिपटकर आई वह दहाड़े मारकर चीख उठी और यही कहती रही कि मुझे छोड़कर कहां चला गया मेरे लाल… जो मकान बनाया है, उसमें अब कौन रहेगा। सुरेन्द्र ने गांव में नया मकान बनाया है। गृह प्रवेश के बाद पंद्रह अप्रेल को ही वह छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटा था। उसने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वह दूसरों की तरह शहर में नहीं बल्कि खुद के गांव में रहेगा। सुरेन्द्र के पिता का पहले निधन हो चुका। वे सीआरपीएफ में थे।
पुष्पचक्र अर्पित
उधमपुर में पाकिस्तान की तरफ से आए एक ड्रोन के हमले में दस मई को सुबह करीब साढ़े पांच से छह बजे के बीच सुरेन्द्र मोगा शहीद हो गए थे। वे एयरफोर्स में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के पद पर कार्यरत थे। जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ से शहीद के परिजनों को ढाढ़स बंधाया और पुष्पचक्र अर्पित करते हुए संवेदना व्यक्त की। शहीद सुरेंद्र कुमार को उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा, सैनिक कल्याण एवं युवा और खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नगरीय विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार झाबर सिंह खर्रा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद बृजेंद्र ओला, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू, नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर, मंडावा विधायक रीटा चौधरी, उदयपुरवाटी विधायक भगवानाराम सैनी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद डोटासरा, मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार, फतेहपुर विधायक हाकम अली, चौमू विधायक शिखा मील बराला, जिला कलक्टर रामावतार मीणा, एसपी शरद चौधरी, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी, बनवारी लाल सैनी, नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा, पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, राजस्थान विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ राजपाल शर्मा, राजेश बाबल, सुशीला सीगड़ा, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्यारे लाल ढूकिया, दयानंद ढूकिया, विशंभर पूनिया, पवन मावंडिया, खलील बुडाना, मुरारी सैनी, महेश बसावतिया समेत पूर्व सैनिकों, जनप्रतिनिधियों व आमजन ने पुष्पचक्र अर्पित किए।
पांच लाख का चेक सौंपा
वायुसेना के ग्रुप कैप्टन विनय भारद्वाज के नेतृत्व में वायुसेना व पुलिस की टुकड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। वहीं शहीद के पुत्र दक्ष ने मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि के बाद जिले के प्रभारी मंत्री ने वीरांगना सीमा को राज्य सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा।