गर्म और गरिष्ठ भोजन-नाश्ता की मांग
घरों की रसोई में अब उन खाद्य वस्तुओं का उपयोग प्रारंभ हो गया है, जिनसे
सर्दी से बचाव हो। बाजारों में भी अब गर्म और गरिष्ठ भोजन-नाश्ता की मांग बढ़नी प्रारंभ हो गई है। गर्म पेय पदार्थों का उपयोग बढ़ रहा है। वहीं सर्दी को देखते हुए घरोें में गोंद व मैथी के देसी लड्डू बनने लग गए हैं।
सूखे मेवों की बिक्री बढ़ी
छोटी दुकानों से लेकर बड़े मॉल में काजू, गोंद, बादाम, किशमिस, देसी घी, अखरोट, पिस्ता, काली मिर्च सहित अनेक प्रकार के सूखे मेवों की बिक्री बढ़ गई है। वहीं सर्दी प्रारंभ होते ही झुंझुनूं, चिड़ावा, उदयपुरवाटी सहित अनेक जगह केसर, मलाईयुक्त दूध की कडाहियां लगनी प्रारंभ हो गई हैं। रात्रि में लोग गर्म दूध का उपयोग कर रहे हैं। घरों में भी केसर-दूध का उपयोग परिवारजन कर रहे हैं। वहीं गर्म घेवर और रबड़ी घेवर खान-पान में शामिल हो चुका है। लोग दूध-फीणी तथा घेवर-दूध का भी उपयोग कर रहे हैं। दाल पकौड़े, चाशनी लगे गर्म घेवर की भी मांग बढ़ी है।
चिड़ावा में साग रोटा की मांग बढ़ी
वहीं सर्दी बढ़ने के साथ चिड़ावा में साग रोटा की मांग बढ गई है। चिड़ावा का साग रोटा पूरे शेखावाटी में प्रसिद्ध है। कई लोग तो दिल्ली व गुरुग्राम तक मंगवाते हैं। इसके अलावा घरों में लोग तिल, घी, गुड़, चीनी से बनी तिलपट्टी, तिल चिकी, तिल लड्डू, गजक आदि का उपयोग कर रहे है। वहीं घरों के साथ बाजारों, दुकानों, चौक-चौराहों पर मूंगफली खाने का भी आनंद लोग ले रहे हैं।
तीन दिन शीतलहर
सीकर, चूरू, झुंझुनूं व
हनुमानगढ़ में 10 दिसम्बर से तीन दिन तक शीतलहर चल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण मध्य पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद 9-10 दिसंबर से राज्य में उत्तरी हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम व अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने तथा शेखावाटी क्षेत्र में कहीं-कहीं तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस के करीब रेकॉर्ड होने की प्रबल संभावना है।
विकास मील, असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल