पुलिस के अनुसार बजाज फाइनेंस कम्पनी की ओर से गत वर्ष 25 जुलाई को 35 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया गया था। सहायक पुलिस आयुक्त पुष्पेन्द्रसिंह के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों की पहचान की। इस पर हेड कांस्टेबल राजेश सौगन व टीम ने संभावित ठिकानों पर तलाश के बाद शिकारगढ़ में कन्या नगर निवासी संजय आचार्य और नागौर जिले में पादू कला थानान्तर्गत केरियों की ढाणी निवासी कालूराम पुत्र भागूराम को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मुख्य आरोपी वीहान बाबल की तलाश की जा रही है।
दुकान-फर्म की फोटो खींचकर करते धोखाधड़ी
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गैंग किसी भी फर्म या दुकान की फोटो खींचते हैं। सूक्ष्म व लघु उद्योग की वेबसाइट पर फोटो व फर्म का नाम आदि जानकारी अपलोड कर उद्यम कार्ड बनवा लेते हैं। फिर इससे बैंक या निजी फाइनेंस कम्पनी से पीओएस मशीन आवंटित करवाते हैं। रिश्तेदार या परिचितों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड स्वैप करके 50-50 हजार रुपए की खरीदारी का भुगतान करते हैं। जो आरोपियों की फर्जी फर्म के खाते में जाते हैं। इसके तुरंत बाद ही आरोपी गलत भुगतान होने का बताकर चार्जबैक क्लेम करते हैं। बैंक या फाइनेंस कम्पनी इन्हें खरीदारी वाली राशि रिफण्ड कर देती है। इस तरह आरोपियों ने एक माह में 35 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। ठगी का पता लगने पर फाइनेंस कम्पनी ने मामला दर्ज करवाकर 12 खाते सीज करवाए थे।