आइजी रेंज जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि वर्ष 2019 में बाड़मेर के पचपदरा थाने में अफीम व डोडा पोस्त जब्त किया गया था। इसमें एमपी के नीमच जिले में मेरियाखेड़ी निवासी मदनसिंह चारण की भूमिका भी सामने आई थी। वह फरार हो गया था। उसके पकड़ में न आने पर आइजी रेंज कार्यालय से तीस हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था।
आरोपी मदनसिंह चरवाहा है। इस पर साइक्लोनर टीम आरोपी के गांव पहुंची। गाय खरीदने के बहाने गोपालक बनी। मनसा में डेयरी संचालक ने मदनसिंह के पास अच्छी गायें होने की जानकारी दी। उसने आरोपी के मकान का पता बताया, जहां पहुंचकर गाय खरीदने के बारे में बातचीत की। इस दौरान घरवाले बार-बार एक मोबाइल नम्बर पर किसी रेबारी से बात करते रहे। जो संभवत: मदनसिंह था, लेकिन उसके मोबाइल नम्बर नहीं मिल रहे थे। सौदा तय होने पर ऑनलाइन भुगतान के लिए फोन-पे नम्बर मांगे। घरवालों ने नम्बर दिए तो उस पर फोन-पे से भुगतान किया गया। यह नम्बर उस रेबारी के थे, जिससे घरवाले बात कर रहे थे। इस सुराग से साइक्लोनर टीम ने मनासा में तलाश शुरू की और संभावित जगह पर दबिश देकर नीमच जिले में मेरियाखेड़ी गांव निवासी मदनसिंह पुत्र प्रभुसिंह चारण को पकड़ लिया। उसे जोधपुर लाकर पूछताछ के बाद पचपदरा थाना पुलिस को सौंप दिया गया। वह खुद के मोबाइल की बजाय रेबारी का मोबाइल उपयोग में लेता था।
खुद, भाई व बेटियों का मारवाड़ में ससुराल से तस्करी
पुलिस का कहना है कि आरोपी पशु चरवाहा और गोपालक है। उसका व भाई का ससुराल मारवाड़ में है। बेटियों का ससुराल मारवाड़ में किया था। इसलिए उसकी मारवाड़ में अच्छी जान-पहचान हो गई थी। उसने स्थानीय लोगों का अफीम की खेती करने वालों से सम्पर्क करा दिया था। वह इनके लिए मादक पदार्थ भेजने लग गया था। वह छह साल से तस्करी में लिप्त था।