Rajasthan Politics: जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राजस्थान की भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बीजेपी पर विभिन्न राज्यों में सरकारें गिराने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया। गहलोत ने दावा किया कि बीजेपी ने राजस्थान की उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें नाकाम रही।
उन्होंने कहा कि ये षड्यंत्र नरेंद्र मोदी जी की सरकार के वक्त में अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने रचा था। मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सरकारें गिराई गईं, लेकिन राजस्थान में हमने इसे विफल कर दिया। गहलोत ने बीजेपी पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ और पैसे बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास इसके सबूत हैं।
लोकतंत्र के लिए खतरे की बात उठाई
उन्होंने संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरे की बात उठाई और पूछा कि ऐसे में डेमोक्रेसी कैसे बचेगी? बीजेपी संविधान दिवस मना रही है, लेकिन हॉर्स ट्रेडिंग करके सरकारें गिराना संविधान के अनुरूप है? उन्होंने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उसकी गलतियों के लिए माफी मांग ली थी और इंदिरा गांधी सहित पार्टी को सजा भी मिली थी।
गहलोत ने कहा कि आपातकाल में कुछ गलतियां हुईं, लेकिन अनुशासन, मिलावटखोरी और भ्रष्टाचार पर रोक जैसे सकारात्मक बदलाव भी आए। आज अघोषित आपातकाल है, पत्रकारों और लेखकों को जेल में डाला जा रहा है। उन्होंने इलाहाबाद कुंभ मेले में मृतकों के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 35 मौतों की बात कही, लेकिन बीबीसी ने 85 के आंकड़े दिए। ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है?
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भजनलाल सरकार पर भी निशाना साधा
गहलोत ने राजस्थान की भजनलाल सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि जनता बहुत दुखी है, ये मुख्यमंत्री समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए कहा उनको अपनी जो ऑथोरिटी है, उस पर पूरी तरह पकड़ करनी चाहिए, जिससे की ये जो नीचे हो रहा है वो बंद हो जाए। पब्लिक को राहत नहीं मिल रही है, तहसीलदार हो या कोई दूसरा अधिकारी हो, ऐसे जवाब देते हैं जाइए कह दीजिए, ट्रांसफर करवा दीजिए हमारा।
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि आपके एमएलए की स्थिति ये है, एमएलए को अधिकारी ने कह दिया ऐसे चलेगा आप मेरी ट्रांसफर करवा दीजिए, इतनी हिम्मत होना बहुत बड़ी बात है। पहले इतना भय था अधिकारियों में, अगर ढंग से बात नहीं करी, तो ये रात को ट्रेन में बैठेगा, जाएगा 8 सिविल लाइन्स और मेरी शिकायत कर देगा, अब किसके पास जाए? जयपुर में तो दरवाजे बंद हैं सबके, मुख्यमंत्री की बात छोड़ो, मंत्री तक नहीं मिलते हैं, स्थितियां बहुत नाजुक हो गईं, मैं मानता हूं।
बीजेपी के नेताओं ने किया था पलटवार
बीते कल जोधपुर में दिए गए गहलोत के बयानों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत के आरोपों को ‘निराधार’ करार देते हुए कहा था कि गहलोत को अपने कार्यकाल की यादें ताजा हो रही हैं, जब उनकी सरकार दो गुटों में बंट गई थी। बीजेपी सरकार जनसेवा में जुटी है, लेकिन कांग्रेस सस्ती लोकप्रियता के लिए बयानबाजी कर रही है।
वहीं, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा था कि जिन्होंने अपने कार्यकाल में विधायकों को होटलों में कैद रखा, वे अब स्थायित्व पर सवाल उठा रहे हैं? वहीं, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा थी कोरोना काल में गहलोत 20 महीने तक मुख्यमंत्री निवास से बाहर नहीं निकले और अब हमारी सरकार की सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।