हाल यह है कि प्रदेश में मूंग, मूंगफली व सोयाबीन की खरीद के लिए आवंटित लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो सका है। नतीजतन किसानों को अपनी फसलों को बाजार में सस्ते भाव में बेचना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार इससे
राजस्थान के किसानों को मूंग में 3079 करोड़, मूंगफली में 4687 करोड़ व सोयाबीन में 1055 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।
जोधपुर में 28 खरीद केन्द्र, केवल 12 ही चालू
प्रदेश में मूंग खरीद की अवधि पूरी होने, मूंगफली व सोयाबीन खरीद की अधिकांश अवधि बीत जाने के बावजूद फसल खरीद के लिए स्वीकृत अधिकतर खरीद केन्द्रों पर फसल खरीद शुरू ही नहीं की गई। जोधपुर जिले में 28 खरीद केन्द्र स्वीकृत थे, जिसमें से केवल 12 शुरू हुए। वहीं फलोदी जिले में 25 खरीद केन्द्र स्वीकृत हुए, जिसमें से केवल 8 खरीद केन्द्रों पर ही खरीद शुरू की गई। खरीद केन्द्र
- * 930 खरीद केन्द्र स्वीकृत प्रदेश में
- * 370 खरीद केन्द्र मूंग के
- * 297 खरीद केन्द्र मूंगफली के
- * 90 खरीद केन्द्र सोयाबीन के
- * 28 खरीद केन्द्र जोधपुर जिले में
समस्याएं भी कम नहीं
- * जिन खरीद केन्द्रों पर फसल खरीद शुरू हुई, वहां पर बारदाना की पर्याप्त व्यवस्था नहीं
- * खरीदी गई फसल के भंडारण के लिए पर्याप्त वेयरहाउस का निर्धारण नहीं
- * फसल ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण अधिकांश समय फसल खरीद बंद या प्रभावित रही, इससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा
व्यवस्था करेंगे
खरीद केन्द्रों पर व्यवस्था सुचारु करने का प्रयास कर रहे हैं। बारदानों की कमी जल्द पूरी कर रहे हैं। इसके लिए अग्रिम भुगतान भी कर चुके हैं, आते ही उपलब्ध कराए जाएंगे।
- नारायणसिंह, प्रबंध निदेशक, राजफैड, जयपुर
प्रदेश में मूंग, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद में किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खरीद में अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
- तुलछाराम सिंवर, प्रदेश महामंत्री, भारतीय किसान संघ