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करौली के रियासतकालीन परकोटे के फिरेंगे दिन, पर्यटन के रूप में विकसित होगा पांचना बांध

पांचना बांध और शहर के प्रमुख स्थलों पर सौन्दर्यीकरण के कार्य कराए जाएंगे। ये सभी कार्य होने से जहां ऐतिहासिक परकोटे को संरक्षण हो सकेगा।

करौलीJun 07, 2025 / 01:21 pm

Lokendra Sainger

panchana dam

Photo- Patrika

करौली शहर के रियासतकालीन ऐतिहासिक परकोटा के अब दिन फिरने की उमीद जागी है। साथ ही लबे इंतजार के बाद शहर में परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण होगा। वहीं जिले का सबसे बड़ा पांचना बांध भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। पांचना बांध और शहर के प्रमुख स्थलों पर सौन्दर्यीकरण के कार्य कराए जाएंगे। ये सभी कार्य होने से जहां ऐतिहासिक परकोटे को संरक्षण हो सकेगा।

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वहीं, सौन्दर्यीकरण होने से शहर सहित दूरदराज से यहां आने वाले श्रद्धालु भी अच्छा अनुभव कर सकेंगे। दरअसल राज्य सरकार ने एक सूची जारी की है। इसमें राज्य के 20 प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कार्यकारी एजेंसी का निर्धारण किया है। इसके तहत सरकार ने करौली शहर में परकोटे का जीर्णोद्धार, परिक्रमा मार्ग का निर्माण, प्रमुख स्थलों के सौन्दर्यीकरण के कार्यों और पांचना बांध के सौन्दर्यीकरण के लिए स्वीकृति जारी करते हुए कार्यकारी एजेंसियों का निर्धारण कर दिया है।
ऐसे में उमीद है कि आगामी दिनों में इन कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी होने के बाद कार्य शुरू हो सकेंगे। गौरतलब है कि दरकते परकोटे को लेकर पत्रिका ने कई बार खबरें प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है।

जल्द तैयार होगा एस्टीमेट

पर्यटन विभाग ने पांचना बांध के सौन्दर्यीकरण के लिए जल संसाधन विभाग को कार्यकारी एजेंसी बनाया है, वहीं शहर के परकोटा जीर्णोद्वार, परिक्रमा मार्ग निर्माण और सौन्दर्यीकरण के कार्यों के लिए पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग को जिमेदारी सौंपी गई है। सूत्रों के अनुसार अब जल्द ही इन कार्यों पर खर्च होने वाली राशि का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा।

निखरेगा पांचना बांध

जिले के सबसे बड़े पांचना बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर पांचना पर्यटन विकास समिति की ओर से मुहिम चलाई गई। समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र बैंसला सहित अन्य पदाधिकारियों की ओर से इसे लेकर विधायक, जिला प्रशासन, राज्य सरकार से पांचना बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की जा रही थी। अब सरकार ने पांचना बांध को भी सूची में शामिल किया है।

दरकते परकोटे को मिलेगा संबल

करौली शहर में रियासतकाल के दौरान बेजोड़ परकोटे का निर्माण कराया गया था, लेकिन अब यह मजबूत परकोटा सार-संभाल के अभाव में जगह-जगह से दरक रहा है। उस समय इस लबे-चौड़े परकोटे में 6 प्रवेश द्वार और 12 खिड़कियों का भी निर्माण कराया गया। हालांकि खिड़कियों के स्वरूप में अब परिवर्तन हो चुका है, जबकि प्रवेश द्वार और परकोटे के जीर्णोद्धार की लबे समय से दरकार बनी हुई है। कुछ वर्ष पहले सरकार ने परकोटे की मरमत पर राशि भी खर्च की, जो नाकाफी रही। परकोटे पर अनेक स्थानों पर अतिक्रमण हो चुका है, वहीं कई स्थानों पर परकोटा ढह चुका है। अब सरकार की ओर से इसे जीर्णोद्धार कार्य में शामिल करने से इसके दिन फिरने की आस जागी है।

परिक्रमा मार्ग का होगा निर्माण

शहर में भगवान मदनमोहनजी का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां नियमित रूप से हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शनों को पहुंचते हैं। वहीं, भगवान मदनमोहनजी की तीन कोसिय नगर परिक्रमा भी विशेष अवसरों पर लगाई जाती है, लेकिन अभी तक परिक्रमा मार्ग नहीं बना हुआ है। जिसे लेकर शहरवासी लगातार मांग भी करते रहे हैं। अब परिक्रमा मार्ग निर्माण की उमीद से लोगों में खुशी छाई है।
सरकार की बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश के 20 कार्यों में पर्यटन विभाग द्वारा करौली के परकोटे का जीर्णाद्वार, परिक्रमा मार्ग का निर्माण, शहर के प्रमुख चौराहों को सौन्दर्यीकरण, पांचना बांध का सौन्दर्यीकरण कार्यों को पर्यटन विकास कार्यों शामिल कर कार्यकारी एजेंसी निर्धारित की हैं। सरकार से कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक में कार्यों का निर्धारण कर एस्टीमेट तैयार किए जाएंगे।
मधुसूदन, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग, सवाईमाधोपुर

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