जानकारी के मुताबिक, इमलिया में रहने वाली 85 वर्षीय वृद्धा दुखिया बाई चौधरी का शुक्रवार को निधन हो गया था। सुबह से हो रही बारिश के चलते अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो गया। दोपहर के समय अंतिम संस्कार के लिए बारिश में ही ग्रामीण पन्नी ढांककर अर्थी निकाली। इतना ही नहीं, मुक्तिधाम में शेड तक न होने के कारण बरसते पानी में पन्नी ढंककर अंतिम संस्कार करना पड़ा। वहीं, कई लोगों ने हाथों में छाता लेकर बारिश से बचने का प्रयास किया। जबकि अन्य लोग तो पानी में भी भीगते रहे।
नहीं की जा रही शेड निर्माण के लिए पहल
ढीमरखेड़ा जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों में मुक्तिधाम में टीन शेड और अन्य व्यवस्थाएं नहीं है। बीते 20 जून को दशरमन गांव में 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला कुंती बाई का निधन हो गया था। बारिश में शव को पन्नी से ढंककर अंतिम संस्कार करना पड़ा। अब इमलिया गांव में भी ऐसी ही समस्या सामने आई है। टीन शेड का प्रबंध न होने से बारिश के दिनों शव को पन्नी, त्रिपाल से जैसे तैसे बमुश्किल सुरक्षित करना पड़ता है। ग्रामीणों को भी छातों का सहारा लेना पड़ता है। दशरमन और इमलिया दोंनो गांवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण आज भी गांवों के मुक्तिधाम में शेड निर्माण की पहल नहीं की गई। नतीजा ये है कि, ग्रामीण बरसते पानी में शव का दाह संस्कार करने को मजबूर हैं।
प्रभारी सचिव का दावा
इमलिया पंचायत के प्रभारी सचिव जीआरएस नरेंद्र हल्दकार ने बताया कि, पहले गांव के मुक्तिधाम में शैड नहीं था। नवीन कार्यकाल में मुक्तिधाम स्वीकृति हुआ। बाउंड्रीबॉल का निर्माण कार्य हो गया। अन्य निर्माण होना बाकी है।
इनका कहना है
ढीमरखेड़ा एसडीएम निधि गोहल का कहना है कि, इमलिया, दशरमन के अलावा ऐसी कितनी पंचायतें हैं, जहा मुक्तिधामों में शैड की व्यवस्था तक नहीं है। इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। सभी मुक्तिधामों में शैड की व्यवस्था कराई जायेगी, ग्राम पंचायतों से इसके प्रमाण पत्र भी लिए जाएंगे।