लेनी होती है अनुमति, नियमों का पालन जरूरी
तरणताल के संचालन के संबंध में कई नियम बनाए गए हैं। इसका प्रकाशन 29 जून 2011 के मप्र राजपत्र में किया गया है। इसके अनुसार स्वीमिंग पूल बनाने के लिए आयुक्त नगर निगम या मुख्य नगर पालिका अधिकारी या नगर परिषद को निर्माण के लिए आवेदन देना होता है। नगरनिगम के अफसरों ने बताया कि सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। यदि नहीं होता तो स्वीमिंग पूल का संचालन नहीं किया जा सकता।बच्चों को सिखा रहे तैराकी, शहर में होता है प्रचार
शहर में कई स्वीमिंग पूल संचालक इनका संचालन व्यवसायिक रूप से कर रहे हैं। यहां बच्चों को तैराकी सिखाने के नाम पर शहर में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और मोटी रकम वसूली जा रही है। बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को भी यहां तैराकी सिखने के लिए भेज रहे है लेकिन सुरक्षा मानकों की परवाह प्रशासन को नहीं है। जांच के लिए जिम्मेदार नगरनिगम व प्रशासनिक अधिकारियों ने अबतक इसकी सुध नहीं ली है।मासूम की डूबने से हुई थी मौत
जानकारी के अनुसार 2 जून 2023 को एनकेजे थाना क्षेत्र के जुहला बाइपास समीप राघव रीजेंसी होटल स्थित वॉटरपार्क में मासूम बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। दरअसल, नीलू पति अर्पित गुप्ता निवासी टीकमगढ़ अपनी ससुराल से शहर के इंद्राज्योति कॉलोनी स्थिति मायके गर्मी की छुट्टियों में आई थीं। नीलू अपने 7 वर्षीय बेटे अथर्व गुप्ता व बहन अनामिका गुप्ता (22) के साथ एनकेजे थाना क्षेत्र के राघव रीजेंसी होटल स्थित वॉटरपार्क गई थीं। वॉटरपार्क के स्वीमिंग पूल में तीनों नहा रहे थे, इसी दौरान मासूम अथर्व नहाते-नहाते गलती से गहरे पानी में चला गया और डूब गया था। पुलिस ने इस मामले में पूल संचालकों पर लापरवाही का मामला पंजीबद्ध किया था।ये हैं स्वीमिंग पूल के नियम
- स्वीमिंग पूल के आसपास जीवन रक्षा बॉय, कोच व लाइफ गार्ड ज्यादा संख्या में होने चाहिए।
- बच्चों के ताल 40 सेंटीमीटर से अधिक गहरे नहीं होने चाहिए।
- झुकाव या ढलान भी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
- बच्चों के स्वीमिंग पूल पूर्णत: स्वतंत्र होने चाहिए। एक विशेष जीवन रक्षा बॉय की नियुक्ति जरूरी है।
- 200 से 500 वर्ग मीटर के बीच तैरने की सुविधाओं के बीच एक अंगरक्षक होना चाहिए।
- 500 से 1 हजार वर्ग मीटर के बीच का कुल पानी की सतह क्षेत्र वाले ताल के लिए न्यूनतम दो जीवन रक्षा गाड्र्स जरूरी है।
- स्नान करने वालों की संख्या निश्चित होनी चाहिए। गहरे किनारों तक पहुंचने के लिए समुचित सीढिय़ां हों। हाथ से पकडऩे, पैर रखने की जगह या अन्य साधन हों, जिससे छोटे बच्चे चढ़ सकें।
- पुरुष और महिलाओं के लिए कपड़े बदलने के अलग-अलग कमरे हों। फव्वारा, प्रसाधन सुविधाएं हों।
-आक्सीजन सिलिंडर का होना आवश्यक है।जीवन रक्षक उपकरण हों। - इन-आउट रजिस्टर में पूरा रिकार्ड हो। आग बुझाने वाले उपकरण हों।
इनका कहना है
नीलेश दुबे, आयुक्त, नगरनिगम का कहना है कि शहर में व्यावसायिक रूप से संचालित स्वीमिंग पूल के निर्माण के पूर्व ही नगरनिगम से अनुमति ली जाती है। इसके अलावा शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षा मानकों का पालन करना भी अनिवार्य होता है। जल्द ही सभी स्वीमिंग पूल व वाटरपार्क की जांच की जाएगी। सुरक्षा मानकों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।