39 डिग्री का अधिकतम तापमान
जिले में करीब 1687 आंगनबाड़ी और मिनी
आंगनबाड़ी केंद्र मौजूद हैं, जहां करीब 90 हजार बच्चे प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों पर गर्मी का असर जल्द पड़ता है। उन पर लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन इसके बवजूद महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तेज गर्मी पड़ने के बाद समय में परिवर्तन नहीं किया गया है।
जिले में कई आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जहां पर बिजली नहीं है, जहां बिजली है वहां पंखे नहीं है। ऐसे में बच्चे गर्मी के बीच पसीने से लथपथ हो जाते हैं। बच्चे गर्मी से किसी तरह राहत पाने के लिए एक दूसरे को पुस्तक से हवा देते नजर आते हैं। वहीं
आंगनबाड़ियों से लौटते समय बच्चे गर्मी में झुलस जाते हैं। इससे उनके सेहत पर भी काफी असर पड़ने लगा है, जिसकी अनदेखी हो रही है।
अनदेखी…
जिले में गर्मी काफी बढ़ गई है। सुबह 10 बजे के बाद सूर्य की किरण शरीर को चुभने लगी है। लोगों को अब इससे बचन के लिए स्कार्फ, टोपी आदि का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। अब तो घरों और दतरों में कूलर व एसी दिनरात चलाए जा रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए लोग दोपहर को धूप में निकलने से बचने लगे हैं, लेकिन दूसरी ओर इसी दौरान
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को राहत नहीं है। जबकि जैसे ही तापमान बढ़ा उसी समय तुरंत ही समय में परिवर्तन कर देना चाहिए।