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कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में गयासुद्दीन पिता शब्बीर खान निवासी बीछपारा कवर्धा 6 माह के लिए जेल भेजने का आदेश जारी किया गया है। पुलिस अधीक्षक कबीरधाम के प्रतिवेदन के आधार पर यह आदेश दुर्ग संभागायुक्त सत्य नारायण राठौर द्वारा पारित किया गया। इसके तहत गयासुद्दीन को नशीली दवाओं की तस्करी में बार-बार संलिप्तता पाए जाने के कारण 6 माह तक जेल में रखने का आदेश दिया गया है। पीआईटीएनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजा जाने वाला यह पहला मामला है। इसमें खास बात यह है कि आरोपी को जमानत भी नहीं मिलेगी।
डीएसपी कृष्णा चंद्राकर ने बताया कि
कबीरधाम पुलिस लंबे समय से आरोपी गयासुद्दीन की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। उसके खिलाफ पहले भी इस अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। वह लगातार नशीली दवाओं की तस्करी में संलिप्त पाया गया। उसकी गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिवेदन भेजा था। पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए, जिसके आधार पर आरोपी को 6 माह के लिए जेल भेजने का आदेश पारित किया गया।
पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम भारत में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए इस अधिनियम 1985 लागू किया गया था, लेकिन कुछ अपराधी बार-बार इस अवैध व्यापार में लिप्त हो जाते थे और कानूनी प्रक्रिया से बच निकलते थे। इसी को रोकने के लिए 1988 में पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत ऐसे अपराधियों को अधिकतम 1 वर्ष तक बिना नियमित मुकदमे के जेल में रखा जा सकता है, ताकि वे समाज में नशीली दवाओं का कारोबार न कर सके और नशे की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
कबीरधाम पुलिस नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। कठोर कानूनों का प्रभावी उपयोग कर अपराधियों को जेल भेजने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत संदिग्ध गतिविधियों की लगातार निगरानी, सूचना तंत्र को मजबूत बनाना, खुफि या तंत्र को और प्रभावी करना, जनता के सहयोग से नशे के अवैध व्यापार को रोकना कबीरधाम पुलिस सभी नागरिकों से कहा कि यदि उन्हें मादक पदार्थों की तस्करी, बिक्री या सेवन से संबंधित कोई भी सूचना मिलती है तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूर्णत: गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्तम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।