कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने 15 जेसीबी, 2 पोकलेन,3 फायर टेंडर, 10 डंपर, और 3 एंबुलेंस समेत भारी अमला लगाया। करीब 500 अफसर-कर्मचारी, 10 मजिस्ट्रेट, और पुलिस बल मौके पर मुस्तैद रहा। पूरे इलाके को सील कर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो।
सुबह तोड़े गए 80, अब औरों पर कार्रवाई
एसडीएम बजरंग बहादुर सिंह ने बताया कि सुबह 8 बजे तक 80 से ज्यादा मकान तोड़े जा चुके थे, और दिन चढ़ने तक यह आंकड़ा 98 तक पहुंच गया। कार्रवाई अब भी जारी है और प्रशासन बाकी बचे मकानों को हटाने में जुटा है।इस इलाके में लंबे समय से अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही थीं। बताया गया कि अधिकांश निर्माण बिना किसी कानूनी अनुमति के किए गए थे। कई बार नोटिस और चेतावनी के बावजूद निर्माण नहीं हटाए गए, जिसके बाद प्रशासन को मजबूरी में यह सख्त कदम उठाना पड़ा।अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन शासकीय है और जलस्रोत के करीब होने के चलते संरक्षित श्रेणी में आती है। इसलिए यहां अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।