इन जगहों में शुरू होगी नई व्यवस्था
इसके अलावा जिला प्रशासन नर्मदा पट्टी की निकाय मंडलेश्वर और बड़वाह में महेश्वर के प्रोजेक्ट को लागू करने की दिशा में काम कर रही है। जिला पुरातत्व पर्यटन व संस्कृति परिषद के नीरज अमझरे ने बताया घाटों पर चप्पु वाली नाव लगभग बंद हो गई हैं, इसमें मैन पॉवर भी अलग है। अब तक इसकी जगह गुजरात से नाव लाकर उसमें पुराने इंजन लगाकर वह चलाई जा रही थी, इन इंजन से ऑइल टपकता है, इससे जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है, अधिक आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है। इससे मुक्ति के लिए फोर स्ट्रोक इंजन बुलाए हैं जो कम ध्वनि करते हैं। एक इंजन की कीमत 2 लाख हैं।
स्थानीय प्रशासन का कहना
खरगोन जिला पंचायत सीईओ आकाश सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग ने यह पहल दो साल पहले शुरू की थी। ईको फ्रेंडली नाव का प्रोजेक्ट अभी महेश्वर के लिए तैयार किया है। इसे पूरा करने के बाद रॉल मॉडल के रूप में मंडलेश्वर, बड़वाह, कसरावद में भी अपनाएंगे ताकि जल और वायू प्रदूषण को रोका जा सके।
विदेश से लाए गए है इंजन
बता दें कि, अब तक 30 इंजन का अनुबंध किया है। इंजन विदेश से बुलवाए हैं। 22 नावों में नए फोर स्ट्रोक इंजन लग चुके हैं। 40 लोगों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। इसके लिए करीब 60 लाख का फंड सीएसआर व अन्य मद से किया है। दस इंजन की मांग अतिरिक्त की है।