कोटा कोचिंग क्लासरूम स्टूडेंट और ओडिशा के भुवनेश्वर निवासी ओमप्रकाश बेहरा ने जेईई मेन जनवरी में परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए। ओमप्रकाश ने बताया कि वीकली टेस्ट में मार्क्स का ग्राफ कम-ज्यादा होता रहता है, लेकिन मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश करता हूं। हर टेस्ट के बाद सेल्फ एनालिसिस करता था और देखता था कि किन गलतियों की वजह से कम अंक आए हैं। अगले टेस्ट में कोशिश रहती थी कि उन गलतियों को नहीं दोहराऊं। मेरे पास फोन नहीं है। फिलहाल जेईई एडवांस्ड की तैयारी में जुटा हूं। आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहता हूं।
ओमप्रकाश की मां स्मिता रानी बेहरा ओडिशा में एजुकेशन सब्जेक्ट की कॉलेज लेक्चरर हैं, लेकिन बेटे को पढ़ाई के दौरान बेहतर केयरिंग देने के लिए पिछले तीन साल से नौकरी छोड़कर कोटा में रह रही हैं। पिता कमलकांत बेहरा ओडिशा प्रशासनिक सेवा है।
एक्सपर्ट से जानिए रिजल्ट का मैथेमेटिक्स
इस वर्ष जेईई मेन परीक्षा देने के 2 विकल्प विद्यार्थियों के पास है। ऐसे विद्यार्थी जिनका जनवरी जेईई मेन पर्सेन्टाइल 99.5 से अधिक है, उन विद्यार्थियों को जेईई एडवांस्ड की परीक्षा की तैयारी पूरे फोकस के साथ करनी चाहिए। क्योंकि उनकी इस पर्सेन्टाइल पर अच्छे एनआईटी में कोर ब्रांचेंज मिलने का विकल्प सुरक्षित हो गया है। वहीं 99.5 से 98.5 पर्सेन्टाइल स्कोर के मध्य वाले विद्यार्थी सुविधानुसार जेईई मेन दे सकते हैं अथवा एडवांस्ड की तैयारी में लग जाना चाहिए। ऐसे विद्यार्थी जिनका पर्सेन्टाइल 98.5 से कम है, इन्हें जेईई मेन अप्रेल के साथ एडवांस्ड की तैयारी पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। यह सुझाव कैटेगिरी के अनुसार बदल सकते हैं। एनटीए स्कोर निकालने का फार्मूला
जेईई मेन के पहले सेशन के जारी किए जाने वाले रिजल्ट में स्टूडेंट्स के कुल एनटीए स्कोर के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स के अलग-अलग एनटीए स्कोर 7 डेसिमल पर्सेन्टाइल में जारी किए हैं। जेईई मेन की परीक्षा विभिन्न पारियों में होती है। ऐसे में प्रत्येक पारी के पेपर का डिफिकल्टी लेवल भी अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में सभी अलग-अलग शिफ्टों में स्टूडेंट्स के अपनी-अपनी शिफ्ट में रॉ स्कोर के आधार पर नार्मेलाइज कर 7 डेसिमल में पर्सेन्टाइल एनटीए स्कोर के रूप में जारी की जाती है। कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि सर्वप्रथम प्रत्येक स्टूडेंट के रॉ स्कोर को निकाला जाता है।
उसके बाद उस स्टूडेंट के बराबर और उससे कम रॉ स्कोर वाले स्टूडेंट्स की संख्या ली जाती है। इसे 100 से गुणा कर, कुल परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स से भाग देकर 7 डेसिमल में पर्सेन्टाइल निकाला जाता है। जिसे उस स्टूडेंट का एनटीए स्कोर बोला जाता है। यह पर्सेन्टाइल फार्मूला विद्यार्थियों के कुल औसतन प्राप्तांकों के साथ-साथ मैथ्स, फिजिक्स एवं कैमेस्ट्री के प्राप्तांकों पर भी लागू होता है। इस फॉर्मूले से प्रत्येक स्टूडेंट का टोटल एनटीए स्कोर के साथ प्रत्येक विषय का एनटीए स्कोर निकला गया। अप्रेल सेशन का एनटीए स्कोर भी निकाला जाएगा। यदि विद्यार्थी जनवरी व अप्रेल दोनों जेईई-मेन परीक्षा देता है तो उसके दोनों परीक्षाओं के अधिकतम एनटीए स्कोर के आधार पर ही ऑल इंडिया रैंक जारी की जाएगी।