New Update On Kota Suicide Case: लगभग तीन माह पूर्व मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एमबीबीएस छात्र की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जयपुर के बस्सी निवासी छात्र सुनील बैरवा ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अब इस मामले में कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगने के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
डीएसपी मनीष शर्मा ने बताया कि गुरुवार को सुनील बैरवा की मौत के संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता सक्सेना, हॉस्टल वार्डन और दो साथी छात्रों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि छात्र पर मानसिक दबाव और उत्पीड़न था, जिसके चलते उसने आत्मघाती कदम उठाया।
पुलिस ने मृतक छात्र के परिजनों और कॉलेज के अन्य छात्रों के बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने पहले इस मामले को आत्महत्या का रूप देकर दबाने की कोशिश की, लेकिन साक्ष्यों और जनदबाव के आधार पर अब गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
पिता ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि मृतक छात्र के पिता कजोड़मल और साथी डॉ. कमल ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रशासन ने सुनील को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने बताया कि जब वह दोबारा कॉलेज जाकर परीक्षा में बैठने की विनती करने गया तो उसे डांटकर भगा दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद वह गहरे अवसाद में चला गया। घटना के बाद कॉलेज के यूजी और पीजी छात्र प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
मृतक के पास से मिला था सुसाइड नोट
पुलिस को मृतक के हॉस्टल के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने माता-पिता से उनका सपना पूरा न कर पाने को लेकर माफी मांगी थी। इसके बाद उसने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी।
एमबीबीएस स्टूडेंट सुनील बैरवा के मामले में मानसिक दबाव या उत्पीड़न जैसा कोई मामला मेरे सामने नहीं आया। जब घटना हुई थी तो उसकी जानकारी भी चीफ वार्डन डॉ. नीलेश जैन ने मुझे दी थी। इससे पहले न तो स्टूडेंट मुझसे मिला, ना ही उसके पिता मिले।