प्रमुख लक्षण
कोल्ड अटैक से प्रभावित लोगों में त्वचा पर सूजन, जलन, दर्द, लाल या काले निशान और अल्सर जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। विशेष रूप से हाथ, पैर, कान और नाक जैसे हिस्से, जो ठंड के सीधे संपर्क में रहते हैं, अधिक प्रभावित हो रहे हैं। त्वचा के रंग में बदलाव और प्रभावित हिस्से का काला पड़ना भी इसके सामान्य लक्षण हैं।
शरीर के तापमान में अचानक गिरावट से होती है परेशानी
शरीर के तापमान में अचानक गिरावट से यह समस्या होती है। ठंडे पानी या सर्द हवा के लंबे संपर्क में रहने से त्वचा के नीचे की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त संचार बाधित हो जाता है। यही स्थिति चिलब्लेंस नामक समस्या को जन्म देती है।
बचाव के उपाय
गर्म कपड़े और ग्लब्स का उपयोग करें। ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। हाथ-पैरों की सरसों के तेल से मालिश करें। त्वचा में जलन होने पर चिकित्सक द्वारा दी गई दवाओं और लोशन का उपयोग करें।
ओपीडी में कामकाजी महिलाओं, किसानों, वाहनों पर काम करने वाले युवाओं और चालकों की संख्या बढ़ी है। ये लोग ठंडे पानी और तेज हवा के संपर्क में ज्यादा रहते हैं, जिससे उनके हाथ-पैर, कान और आंखों में सूजन, जलन और कालापन हो रहा है।
डॉ. देवेंद्र यादव, विभागाध्यक्ष, स्किन डिपार्टमेंट मेडिकल कॉलेज कोटा सर्दी बढ़ने के कारण त्वचा में शुष्कता के कारण लाल चकते पड़ जाते है। इनमें लगातार खुजली चलती रहती है। कई बार घाव भी हो जाते है। शीत गर्म के कारण एलर्जी दाफड़ वाले मरीज भी आ रहे हैं।
डॉ. विनोद गौतम, आयुर्वेदिक चिकित्सक