script‘छात्रों को रटाना, उन्हें रोबोट में बदलने जैसा’, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर चेताया | Vice President Jagdeep Dhankar warned Triple IT in Kota Fourth Convocation Said making students learn by rote is like turning them into robots | Patrika News
कोटा

‘छात्रों को रटाना, उन्हें रोबोट में बदलने जैसा’, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर चेताया

Rajasthan News : कोटा में ट्रिपल आइटी के चौथे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि डिग्रियां नहीं, दृष्टि मायने रखती है।

कोटाJul 13, 2025 / 10:45 am

Sanjay Kumar Srivastava

Vice President Jagdeep Dhankar warned Triple IT in Kota Fourth Convocation Said making students learn by rote is like turning them into robots

ट्रिपल आइटी कोटा के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़। फोटो पत्रिका

Rajasthan News : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि डिग्रियां नहीं, दृष्टि मायने रखती है। रट्टामार शिक्षा संस्कृति आज हमारी सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। उन्होंने कहा, ‘छात्रों को रटाना उन्हें रोबोट में बदलने जैसा है। यह न केवल शिक्षा बल्कि हमारी संस्कृति के लिए भी घातक है। रटने से डिग्रियां तो मिलती हैं, लेकिन जीवन में सफलता का आधार विचारशीलता, चरित्र और दृष्टिकोण होते हैं, न कि केवल अंक और ग्रेड्स।’

संबंधित खबरें

उपराष्ट्रपति धनखड़ शनिवार को रानपुर में आयोजित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं। समारोह की अध्यक्षता संस्थान के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने की, जबकि निदेशक प्रो. एनपी पाढ़ी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

युवा शक्ति भारत की सबसे बड़ी पूंजी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, यह एक ऐतिहासिक जनसांख्यिकीय अवसर है। युवा शक्ति भारत की सबसे बड़ी पूंजी है। हम वह पीढ़ी हैं जो उस भारत में आगे बढ़ रही है, जो अब दुनिया का निवेश केंद्र बन चुका है। जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
Triple IT Kota
समारोह में मेडल प्राप्त विद्यार्थियों के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ व अन्य। फोटो पत्रिका

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरुद्ध खड़ेे कोचिंग संस्थान

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कोचिंग संस्कृति पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर अब प्रतिभाओं को मानसिक और शारीरिक बंधनों में बदल रहे हैं। यह एक चिंताजनक स्थिति है। अंकों की होड़ में सोचने की शक्ति कुंठित हो रही है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के विरुद्ध खड़े हैं और इन्हें नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। सीटें सीमित है, लेकिन कोचिंग सेंटर हर गली-मोहल्ले में उग आए हैं। बरसों तक छात्रों की मानसिकता को एक ही ढर्रे में ढालना उनकी मौलिकता को खत्म करता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोचिंग सेंटर अब पोचिंग सेंटर बन चुके हैं।
Triple IT in Kota Fourth Convocation
ट्रिपल आइटी कोटा के चौथे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़। फोटो पत्रिका

कोटा शैक्षणिक राजधानी बन चुका : बागडे

अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ ने कहा, ‘दीक्षांत का अर्थ शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि व्यक्तित्व के संस्कारों की पूर्णता है।’ बागडे ने कोटा की शिक्षा नगरी के रूप में भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि अब यह केवल औद्योगिक नहीं, शैक्षणिक राजधानी बन चुका है, जहां कोचिंग संस्थाओं के साथ उच्च तकनीकी संस्थानों की पहचान भी जुड़ गई है।

Hindi News / Kota / ‘छात्रों को रटाना, उन्हें रोबोट में बदलने जैसा’, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर चेताया

ट्रेंडिंग वीडियो