पाचन तंत्र की समस्याएं (Digestive Issues)
काले चने में काफी मात्रा में फाइबर होता है, जो सामान्यतः पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन यदि किसी को पहले से ही पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, जैसे गैस, अपच, एसिडिटी या कब्ज, तो काले चने ज्यादा खाने से ये दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। इससे पेट फूल सकता है, भारीपन महसूस हो सकता है या जलन हो सकती है। अगर चने को भिगोकर न खाया जाए या रात में खाया जाए, तो परेशानी और बढ़ सकती है। गठिया या यूरिक एसिड की समस्या (Arthritis / High Uric Acid)
काले चने में एक प्राकृतिक तत्व होता है जिसे प्यूरीन कहा जाता है। जब यह तत्व शरीर में टूटता है, तो
यूरिक एसिड बनता है। अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाए, तो जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है। यह समस्या खासकर उन लोगों में होती है जिन्हें पहले से ही गठिया या गाउट की शिकायत है। ऐसे लोगों को काले चने खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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काले चने में प्रोटीन और फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में होते हैं। ये शरीर के लिए लाभकारी होते हैं, लेकिन जिन लोगों की
किडनी कमजोर है या जिन्हें किडनी की बीमारी है, उनके लिए यह हानिकारक हो सकते हैं। कमजोर किडनी इन पोषक तत्वों को सही से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे किडनी पर और दबाव पड़ सकता है। इसलिए किडनी के मरीजों को काले चने कम मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से ही खाने चाहिए।
पेट या आंतों में अल्सर (Ulcers in Stomach or Intestines)
अगर किसी के पेट या आंतों में अल्सर है, तो अधिक फाइबर और प्रोटीन वाला भोजन, जैसे काले चने, नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में जलन, दर्द या बेचैनी बढ़ सकती है। ऐसे में हल्का और आसानी से पचने वाला खाना ही बेहतर रहता है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।