Bakrid 2025: बकरीद पर सड़कों पर नहीं होगी नमाज, पूरे प्रदेश में प्रशासन सतर्क; सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखने को निर्देश
Bakrid Namaz: बकरीद पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। इस बार सड़कों, चौराहों या यातायात बाधित करने वाले स्थलों पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होगी। नमाज केवल चिन्हित स्थलों पर होगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने और सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए प्रशासन पूरे प्रदेश में सतर्क है।
Bakrid No Eid Prayers on Road: आगामी बकरीद (ईद-उल-अजहा) पर्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। इस बार प्रदेश भर में सार्वजनिक सड़कों, चौराहों या किसी भी यातायात बाधित स्थल पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्देश राज्य सरकार के स्पष्ट रुख का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पर्व के दौरान सौहार्दपूर्ण वातावरण, यातायात व्यवस्था और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) को आवश्यक दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने भी आदेश जारी करते हुए कहा है कि बकरीद की नमाज केवल निर्धारित ईदगाहों, मस्जिदों या प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही होगी।
जन सुविधा व कानून व्यवस्था सर्वोपरि
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, “यह निर्णय प्रदेश के नागरिकों की सुविधा, यातायात संचालन में बाधा रोकने और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के दृष्टिगत लिया गया है। सड़कों, चौराहों या खुले सार्वजनिक स्थानों पर नमाज नहीं होगी।” साथ ही सभी प्रशासनिक और पुलिस इकाइयों को यह निर्देशित किया गया है कि कहीं भी अस्थायी या अवैध स्थानों पर नमाज अदा करने की अनुमति न दी जाए। प्रत्येक शहर, कस्बे और गांव में चिन्हित स्थलों की पूर्व सूची तैयार कर संबंधित धार्मिक प्रतिनिधियों को अवगत करा दिया जाए।
सरकार ने इस वर्ष बकरीद पर होने वाली कुर्बानी के संदर्भ में भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार किसी भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी पूर्णतः निषिद्ध है। यदि ऐसा कोई प्रयास होता है तो सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। कुर्बानी ऐसे स्थानों पर की जाए जहां साफ-सफाई और धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित हो। सार्वजनिक स्थलों पर अथवा धार्मिक सौहार्द को प्रभावित करने वाले स्थानों पर कुर्बानी करने की अनुमति नहीं होगी।
सतर्कता के लिए विशेष इंतजाम
पूरे प्रदेश में बकरीद के दिन विशेष सतर्कता और निगरानी का इंतजाम किया गया है। त्योहार के दिन पुलिस, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहेंगी।
ड्रोन कैमरों के माध्यम से प्रमुख स्थलों और संवेदनशील इलाकों पर निगरानी की जाएगी।
विशेष रूप से अफवाहों और भड़काऊ सामग्री को लेकर सोशल मीडिया पर सतत निगरानी की जा रही है।
पुलिस की साइबर सेल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीमें फील्ड में सक्रिय रहेंगी ताकि कोई भी शांति व्यवस्था बिगाड़ने वाला कृत्य समय रहते रोका जा सके।
समुदाय से शांति व सहयोग की अपील
प्रशासन ने इस संबंध में विभिन्न धर्मगुरुओं, धार्मिक संगठनों और सामुदायिक नेताओं के साथ शांति समिति की बैठकें की हैं। इन बैठकों में धर्मगुरुओं से अपील की गई है कि वे लोगों को कानून का पालन करने के लिए प्रेरित करें। अधिकारियों ने कहा है कि “बकरीद के अवसर पर सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान करते हुए प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
संवेदनशील इलाकों की विशेष मॉनिटरिंग
अधिकारियों के अनुसार, जिन जिलों और शहरों में पूर्व में कानून व्यवस्था से जुड़ी घटनाएं हुई थीं, उन पर विशेष फोकस रहेगा। इनमें कानपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी जैसे बड़े नगर शामिल हैं। इन स्थानों पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार समन्वय बैठकें की जा रही हैं।
डीजीपी ने स्पष्ट कहा है कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी बकरीद के दिन फील्ड में मौजूद रहेंगे।
किसी भी अवांछनीय गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
शांति समिति, धर्मगुरु और स्थानीय गणमान्य नागरिकों के साथ लगातार संपर्क और संवाद बनाए रखा जाए।
समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपेक्षा
शासन का मानना है कि सभी समुदायों के सकारात्मक सहयोग से बकरीद का त्योहार शांति और सौहार्द के साथ मनाया जा सकता है। इसलिए प्रशासन ने सभी धार्मिक संगठनों को नियमों का पालन करने की अपील की है।
इस बार का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सड़कें पूरी तरह से यातायात के लिए खुली रहेंगी। शासन के आदेश में कहा गया है कि आम नागरिकों की सुविधा और यातायात संचालन को बाधित नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा लगातार सभी जिलों से तैयारियों की रिपोर्ट ली जा रही है। प्रशासन का उद्देश्य किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए समुचित तैयारियों को अंतिम रूप देना है।
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