इस मोबाइल ऐप के माध्यम से प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक (कक्षा 10 के बाद) छात्रों को छात्रवृत्ति आवेदन की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल और सुलभ मिलेगी। छात्र केवल एक बार वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) कर सकेंगे, जिससे हर वर्ष दोबारा पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी।
राज्य सरकार छात्रवृत्ति के फॉर्म भरने की समयसीमा को समाप्त कर रही है, जिससे छात्र बिना किसी दबाव के पूरे वर्ष आवेदन कर सकेंगे।
जानकारी अब सीधे छात्रों तक
छात्रवृत्ति से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं अब छात्रों तक सीधे व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से पहुंचेंगी। इस कदम से वे छात्र जो समय पर सूचना न मिलने के कारण वंचित रह जाते थे, अब अपडेटेड और तैयार रहेंगे। छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति अब हर साल 2 अक्टूबर से शुरू कर दी जाएगी, जो पहले दिसंबर में होती थी। सरकार ने तीन प्रमुख विभागों – समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण के समन्वय से एक चार सदस्यीय टीम गठित करने का निर्णय लिया है, जो योजनाओं में एकरूपता लाएगी। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का विचार भी प्रस्तावित है, जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। इस पर तीनों विभागों के निदेशक एक संचालन समिति बनाकर काम करेंगे।
छात्रों की समस्याओं का होगा समाधान
राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने स्पष्ट किया कि तकनीकी समस्याएं, असफल लेन-देन की घटनाएं, और सूचना का समय पर न मिल पाना, यह सभी बातें सरकार की विशेष निगरानी में हैं। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों को आवेदन, मंजूरी और वितरण की पूरी प्रक्रिया निर्बाध और पारदर्शी लगे। मदरसों में शिक्षा सुधार की दिशा में भी कदम
- योगी सरकार सिर्फ छात्रवृत्ति ही नहीं, मदरसा शिक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
- यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 में प्रस्तावित संशोधन के तहत कक्षा 10 तक हिंदी और अंग्रेजी अनिवार्य होंगी।
- सभी संबद्ध मदरसों में विज्ञान और कंप्यूटर लैब अनिवार्य बनाए जाएंगे।
- कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी, और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी पाठ्यक्रम अपनाना जरूरी होगा।